केवल कच्चा मांस खाकर जिंदा है ये शख्स! बताया-सेहत पर पड़ा कैसा असर

आदि मानव आग के अविष्कार के पहले जानवरों का कच्चा मांस खाकर अपना गुजारा करते थे. आज के समय में जहां मांस को अलग-अलग फ्लेवर के साथ पकाकर खाया जाता है, वहीं एक शख्स प्रतिदिन केवल कच्चा मांस खा रहा है. शख्स ये देखना चाहता है कि कच्चा मांस खाने की वजह से क्या वो बीमार पड़ सकता है.



शख्स @rawmeatexperiment नाम से इंस्टाग्राम हैंडल चलाता है और प्रतिदिन कच्चा मांस खाते हुए अपना वीडियो पोस्ट करता है. सोमवार को किए गए पोस्ट में व्यक्ति ने दावा किया है कि वो पिछले 81 दिनों से ये जोखिम भरा प्रयोग कर रहा है.
शख्स प्रतिदिन अलग-अलग तरह के बड़े मीट के टुकड़ो को खाते हुए अपना वीडियो पोस्ट करता है. अब तक वो कच्चा सालमन मछली, कच्चा ग्राउंड बाइसन (अमेरिकी जानवर), भेड़ की टांग और वाग्यू स्टेक (बीफ की तरह का एक मीट) को कच्चा खा चुका है.

वो मीट के साथ प्रतिदिन कच्चा दूध और कच्चा अंडा लेता है. मांसाहारी शख्स ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट के बायो में लिखा है कि वो हर दिन कच्चा मांस खा रहा है. शख्स ने लिखा है, ‘जब तक मैं बैक्टीरिया से मर नहीं जाता हर दिन कच्चा मांस खाता रहूंगा. देखते हैं इसे खाकर मैं पांच दिन जीवित रहूंगा या 500 साल तक.’

इसे भी पढ़े -  Malkharouda News : छपोरा गांव में 5 दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर का मालखरौदा जनपद पंचायत उपाध्यक्ष रितेश साहू ने किया शुभारंभ, बच्चे, बुजुर्ग एवं महिलाएं रही मौजूद

सोमवार को कच्चे मांस का वीडियो शेयर करते हुए शख्स ने कैप्शन में लिखा है, ‘इसे मुंह में डालने में तो बड़ा मजा आ रहा है.’

रविवार को शख्स ने कच्चा सालमन मछली खाते हुए वीडियो पोस्ट किया था. उसने वीडियो को कैप्शन दिया था, ‘आज नाश्ते में सालमन है. भालुओं को सालमन पसंद है, ये काफी हेल्दी है. मैंने कभी जंगली भालुओं को अस्पताल में नहीं देखा इसका मतलब ये हुआ कि कच्चा सालमन खाना बहुत अच्छा है. मछली खाना कैंडी खाने जैसा है. मैं तो कैंडी खाने से ज्यादा कच्ची सालमन खाना पसंद करूंगा.’

शख्स ने कच्चा मांस खाने से अपने सेहत के ऊपर किसी बुरे प्रभाव का जिक्र नहीं किया है. शख्स ऑनलाइन फंड जमा करता है और दावा करता है कि कच्चा मांस खाने से उसके सेहत में सकारात्मक बदलाव आया है.

ब्रिटिश अखबार द सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पॉडकास्ट मार्क बेल्स पावर प्रोजेक्ट के एक एपिसोड में, अज्ञात व्यक्ति ने कहा कि वो हमेशा से प्रोसेस्ड फूड खाकर ऊब चुका है. उसने बताया, ‘मैंने दस सालों तक शाकाहार अपनाया. हां, कभी कभार बाहर जाने पर मांस खाता था लेकिन मेरा मानना था कि पौधों से आपको सभी जरूरी पोषण मिल जाता है.’

इसे भी पढ़े -  Malkharouda News : छपोरा गांव में 5 दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर का मालखरौदा जनपद पंचायत उपाध्यक्ष रितेश साहू ने किया शुभारंभ, बच्चे, बुजुर्ग एवं महिलाएं रही मौजूद

शख्स ने आगे बताया, ‘मैंने कुछ शाकाहारी गुरुओं को फॉलो भी किया. मैं गोभी का शेक लेता और सोचता कि मैं स्वस्थ हो रहा हूं. आज से सिर्फ एक साल पहले मुझे पहली बार पता चला कि मांस वास्तव में एक हेल्दी फूड है.’

शख्स ने दावा किया कि जब वो 15 साल का हुआ तभी से उसे पहले थकान, मुंहासे, त्वचा संबंधी रोग की समस्या थी लेकिन जैसे ही कच्चा मांस खाना शुरू किया ये सभी मुश्किलें खत्म हो गईं. शख्स ने बताया, ‘मैं तब से हर समय मांस और अंडे खा रहा हूं.’

कितना सही है कच्चा मांस खाना?

शख्स के दावों के बावजूद कि कच्चा मांस खाना लाभदायक है, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मांस को अच्छे से पकाकर ही खाना चाहिए. Men’s Health से बात करते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञ जेफ नेलकेन ने कहा कि कच्चे मांस में सभी प्रकार के बैक्टीरिया होते हैं जो हमें बीमार कर सकते हैं.
उन्होंने बताया, ‘कच्चा मांस खाने से आपको फूड पॉइजनिंग हो सकती है और खूनी दस्त, पेट में ऐंठन और उल्टी का अनुभव हो सकता है.

इसे भी पढ़े -  Malkharouda News : छपोरा गांव में 5 दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर का मालखरौदा जनपद पंचायत उपाध्यक्ष रितेश साहू ने किया शुभारंभ, बच्चे, बुजुर्ग एवं महिलाएं रही मौजूद

वो सलाह देते हैं कि मांस को सही तापमान पर पकाने से हानिकारक बैक्टीरिया मर जाते हैं. मांस के सेवन का ये सबसे सुरक्षित तरीका है. वो बताते हैं कि सूअर के मांस और गोमांस को 145 डिग्री फारेनहाइट तक पकाया जाना चाहिए और मुर्गी आदि को 165 डिग्री फारेनहाइट तक पकाया जाना चाहिए.

error: Content is protected !!