बकरी पालन के जरिए कर सकते हैं मोटी कमाई, केंद्र सरकार से भी मिलती है मदद, जानिए पूरा प्रोसेस

नई दिल्ली. भारत में बेरोजगारी ताबड़तोड़ बढ़ रही है। रोजगार की मांग को लेकर देश के युवा कई बार प्रदर्शन भी कर चुके हैं। वहीं, बेरोजगारी से परेशान कई युवाओं ने खुद का व्यवसाय भी शुरू कर लिया है। खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए केंद्र और राज्य की सरकारों ने कई तरह की योजनाएं भी चला रही है। अगर आप भी बेरोजगार हैं तो आप बकरी पालन का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं, इसके लिए केंद्र सरकार से पैसों की मदद भी मिलती है।



पिछले कुछ सालों में बड़े पैमाने पर पशु पालन की तरफ लोगों की रुचि देखने को मिली है। इसी क्रम में बकरी पालन भी आता है जिससे कर आजकल लोग अच्छी खासी आमदनी अर्जित कर रहे हैं। यही वजह है कि देश में बीते पांच साल में बकरियों की संख्या में इजाफा देखने को मिला है। आने वाले समय में इस पेशे में और लोगों के आने की आपास संभावनाएं हैं।

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जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया है कि बकरी पालन के प्रति पिछले कुछ सालों में लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है। बकरी पालन में आवास और प्रबंधन पर कम खर्च करना पड़ता है। लिहाजा इसे कम आय में भी शुरू किया जा सकता है. बकरी या भेड़ पालन से लागत के मुकाबले आमदनी ज्यादा होती है। गांवों में रोजगार को बढ़ाने के लिए बकरी पालन शुरू करने के लिए सरकार की ओर से भी सब्सिडी दी जाती है।

केंद्र सरकार ने बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए ‘राष्ट्रीय पशुधन मिशन’ शुरू किया गया है। नेशनल लाइव स्टॉक मिशन के तहत देश में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को सब्सिडी दी जाती है। नेशनल लाइव स्टॉक मिशन में बहुत सारी योजनाएं हैं, जिसमें अलग-अलग योजना के लिए अलग-अलग सब्सिडी दी जाती है। नेशनल लाइव स्टॉक मिशन के तहत अलग-अलग राज्य सरकारों की सब्सिडी की मात्रा भी अलग-अलग होती है क्योंकि, यह केंद्र की योजना है लेकिन कई राज्य सरकारें इसमें अपनी तरफ से सब्सिडी में कुछ अंश को जोड़ देती हैं जिससे सब्सिडी की अमाउंट बढ़ जाती है।

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अगरआप भी बकरी पालन में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं तो आपको बस कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। बकरी पालन की शुरुआत करने के लिए एप्लीकेशन लिखकर विकास खंड के पशु चिकित्सा अधिकारी के पास जमा कर सकता है। पशु चिकित्सा अधिकारी अपने यहां आईं एप्लीकेशन में से कुछ एप्लीकेशन चुनता है। अब इन एप्लीकेशंस को जिला स्तरीय जिला पशुधन मिशन समिति के पास भेजा जाता है। आखिरी चयन यही समिति करती है।

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