इस वजह से आप का भी हो सकता टू-व्हीलर इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट, कभी भूलकर कर भी ना करें ये काम!

नई दिल्ली: इन दिनों हम कोई भी व्हीकल खरीदने के लिए जातें हैं, तो गाड़ी का बीमा जरुर कराना चहिए। वही गाड़ी के साथ आपको बीमा मिलता है। यानी कि खरीदने के समय ही दिया जाता है। वही ऐसे में सिर्फ टू-व्हीलर का इंश्योरेंस खरीदने के बाद कई काम हैं जो नहीं करने चाहिए है। जैसे इन नियमों को तोड़ने से  टू-व्हीलर इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट हो जाएगी। वही जानकारी बतातें है कि  टू-व्हीलर का क्लेम करते समय पॉलिसी के डॉक्यूमेंट को अच्छी तरह से चेक करना चाहिए। इसके साथ ही इंश्योरेंस पॉलिसी किन चीजों को कवर करती है। इसके बारे में भी समझना जरूरी है। तो चलिए किन नियम और खास बातों के ख्याल रखना चाहिए इसके बारे में जानते है।



 

व्हीकल को मॉडिफाई कराना
आज के समय में कई युवा स्पोर्ट्स बाइक को मॉडिफाई कराते है। जिसके लिए आरटीओ से अनुमति लेना जरूरी होता है। लेकिन कई क्लेम में देखा गया है कि, बाइक या स्कूटर मॉडिफाई तो होते हैं लेकिन इनके लिए जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी नहीं की होती। इस वजह से भी इंश्योरेंस कंपनी क्लेम को रिजेक्ट कर सकती हैं।
करें इस नियम का पालन

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किसी भी व्हीकल को चलाने के लिए पहले ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए। वही कई बार देखने में आता है कि, लोग बिना ड्राइविंग लाइसेंस के ही ड्राइव करना शुरू कर देते हैं। ऐसी स्थिति में अगर एक्सीडेंट होता है तो इंश्योरेंस कंपनी क्लेम को रिजेक्ट कर देती है। इसके अलावा बहुत से लोग ड्रक ड्राइव भी करते हैं। जिस वजह से इंश्योरेंस कंपनी एक्सीडेंट होने पर किए गए क्लेम को रिजेक्ट कर देती हैं।

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ओनरशिप ट्रांसफर नहीं करना
टू-व्हीलर मालिक कई बार अपने वाहन को बिना ओनरशिप ट्रांसफर किए ही बेच देते हैं। इस स्थिति में अगर कोई एक्सीडेंट या क्लेम किया जाता है तो इंश्योरेंस कंपनी उसे रिजेक्ट कर देती हैं। इसलिए जब भी आप पुराना वाहन बेचें या खरीदें तो उसकी ओनरशिप जरूर ट्रांसफर करा लें। क्योंकि वाहन की ओनरशिप ट्रांसफर होने के साथ

इंश्योरेंस भी नए ओनर के नाम ट्रांसफर हो जाता है। कभी ना करें बीमा के प्रीमियम में देरी
टू-व्हीलर बीमा के क्लेम रिजेक्ट होने में सबसे बड़ी वजह पॉलिसी का प्रीमियम समय पर नहीं देना भी एक वजह होता है। कई बार व्हीकल ओनर समय पर अपनी टू-व्हीलर की इंश्योरेंस पॉलिसी को रिन्यू नहीं कराते इस वजह से भी बीमा कंपनी क्लेम को रिजेक्ट कर देती हैं।

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