31 मार्च से पहले पूरा कर लें ये जरुरी काम, वरना लगेगा भारी जुर्माना

नई दिल्ली: फाइनेंशियल ईयर 2021-22 31 मार्च को खत्म होने वाला है। ऐसे में जरूरी है कि टैक्स और बचत से जुड़े सभी पैडिंग काम समय रहते निपटा लें। टैक्स बचत से जुड़ी कई ऐसी योजनाएं होती हैं, जिनमें हर वित्त वर्ष में एक न्यूनतम राशि जमा करनी होती है। इन योजनाओं में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) और सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) आदि शामिल हैं।



 

इन योजनाओं में हर साल एक न्यूनतम राशि जमा करना होता है। ऐसा नहीं करने पर इन योजनाओं से जुड़े खाते इनएक्टिव हो जाते हैं, जिससे पॉलिसीधारक को आगे निवेश करने के लिए इसे रेगुलराइज कराने की जरूरत पड़ेगी। खाते को रेगुलराइज कराने में आपको काफी समय खर्च करना पड़ सकता है और साथ ही आपको जुर्माना भी देना पड़ सकता है। ऐसे में यह बेहतर होगा कि आप वित्त वर्ष खत्म होने से पहले इन खातों में न्यूनतम राशि जमा कर दें।

नेशनल पेंशन स्कीम (NPS)
NPS के टियर-1 खाते में हर वित्त वर्ष न्यूनतम 1,000 रुपये जमा करना होता है। इसमें जमा करने की कोई ऊपरी सीमा नहीं है। वहीं टियर-2 खातों में न्यूनतम जमा राशि की कोई अनिवार्यता नहीं है। अगर आपका टियर-1 खाता है और आपने न्यूनतम राशि जमा नहीं की है, तो आपका खाता फ्रीज हो सकता है। इसके बाद खाते को अनफ्रीज कराने के लिए आपको 100 रुपये की पेनाल्टी राशि देनी पड़ेगी।

सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)
सुकन्या समृद्धि खाते को चालू रखने के लिए हर वित्त वर्ष में न्यूनतम 250 रुपये जमा करने की आवश्यकता होती है। अगर न्यूनतम खाता नहीं जमा होता है, तो उसे खाते को डिफॉल्ट अकाउंट मान लिया जाता है। डिफॉल्ट अकाउंट को खाता खोलने की तारीख के 15 साल के अंदर नियमित कराया जा सकता है। हालांकि इसके लिए न्यूनतम राशि के साथ हर साल 50 रुपये की पेनाल्टी जमा करनी होगी।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
अगर आप 31 मार्च तक अपने PPF खाते में न्यूनतम राशि नहीं जमा कर पाते हैं, तो आपको 50 रुपये का पेनाल्टी देना। PPF खाते में न्यूनतम 500 रुपये जमा करना होता है। आप जितने साल अपने खाते में पैसा नहीं जमा करेंगे आपको उतने साल की लेट फीस और न्यूनतम राशि जमा करनी होगी। इसके अलावा अगर आप किसी वित्त वर्ष में 500 रुपये नहीं जमा करते हैं, तो आपको खाते को निष्क्रिय मान लिया जाएगा। निष्क्रिय खाते को जमा राशि के अंगेस्ट लोन या आंशिक निकासी जैसी सुविधा नहीं मिलती है, जब तक कि वह अपने खाते को दोबारा एक्टिव न करा दे। निष्क्रिय खाते को मैच्योरिटी डेट से पहले एक्टिव कराना होता है। मैच्योरिटी डेट बीतने के बाद खाता एक्टिव नहीं हो सकता है।

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