आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है।’ ये कहावत भारत की एक बेटी पर सटीक बैठती है। वैसे को भारत में कई तरह के आविष्कार होते रहते हैं। हमारा देश ‘जुगाड़’ के लिए भी मशहूर है। यहां गांव से लेकर आम घरों में जरूरत के मुताबिक छोटे छोटे आविष्कार और नए आइडिया को लोग अपनाते हैं। लेकिन इस बेटी ने अपने पिता के लिए जो आविष्कार किया, वह केवल पिता को गर्मी में राहत और आराम ही नहीं दिलाएगा, उनके जैसे कई लोगों के लिए फायदेमंद बनेगा।
वाराणसी की इस बेटी ने अपने पिता को गर्मी से राहत दिलाने के लिए एक ऐसी सौर ऊर्जा से चलने वाली बेल्ट बनाई है, जो पानी को ठंडा रखेगी। चलिए जानते हैं पिता के लिए पानी ठंडा रखने वाली बेल्ट का आविष्कार करने वाली वाराणसी की बेटी आंचल सिंह के बारे में।
कौन हैं आंचल सिंह
आंचल सिंह उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले की रहने वाली हैं। उनके पिता का नाम कल्याण सिंह है। आंचल बी. काॅम की स्टूडेंट हैं। आंचल के पिता कल्याण महाराष्ट्र के एक फ्यूल स्टेशन में काम करते हैं। गर्मी के मौसम में पिता को बहुत परेशानी होती थी। आंचल अपने पिता की गर्मी से हो रही परेशानी से वाकिफ थीं। ऐसे में उन्होंने पिता की परेशानी दूर करने का फैसला लिया और एक खास आविष्कार कर दिया।
गर्मी के कारण कल्याण सिंह जो ठंडा पानी बोतल में फ्यूज स्टेशन ले जाते थे, वह भी कुछ मिनटों में गर्म हो जाता था। आंचल ने पिता के लिए एक सोलर कूलिंग बेल्ट बनाई है, जो सौर ऊर्जा की मदद से चलती है। इस सोलर कूलिंग बेल्ट से बोलत का पानी ठंडा रहता है।
सोलर कूलिंग बेल्ट कैसे करती है काम
इस बेल्ट को पानी की बोतल में बांध दिया जाता है, जिससे पानी का तापमान ठंडा होता है। बेल्ट में फ़ैन, सोलर प्लेट और थर्मल प्लेट लगी हुई है। सोलर प्लेट के जरिए बेल्ट का फैन और थर्मल प्लेट चलती है, जिससे पानी ठंडा हो जाता है। एक लीटर पानी ठंडा होने में लगभग एक घंटे का समय लग सकता है।
कूलिंग सोलर बेल्ट बनाने में आंचल को लगभग दो महीने का समय लगा। इस डिवाइस के लिए आंचल ने तीन-चार हजार रुपये खर्च किए। उनकी यह डिवाइस सड़क पर कार्य करने वाले, धूप में रहने वाले, बाइक और साइकिल सवार लोगों के लिए काम की है। मेरठ के एमआईईटी कॉलेज अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर ने आंचल की सोलर कूलिंग बेल्ट को बेहतर बनाने का फैसला लिया है।