त्वचा को बाहरी तत्व जितना प्रभावित करते हैं उतना ही असर उसपर अंदरूनी तत्व भी डालते हैं. कुछ विटामिन की कमी (Vitamin Deficiency) भी स्किन के लिए बुरी साबित हो सकती है जिससे डार्क स्पॉट्स (Dark Spots) और झाईंयों की दिक्कत होने लगती है.
कई लोगों को छोटे धब्बे भी अचानक से उभरते नजर आते हैं जिन्हें हटाना लगभग मुश्किल होता है. ऐसे में जरूरी है कि शरीर में जिन विटामिन की कमी हो रही है उन्हें समय रहते पूरा किया जाए जिससे दाग-धब्बे निकलना रुक जाएं.
विटामिन सी को असोर्बिक एसिड भी कहते हैं जिसकी कमी से चेहरे पर दाग-धब्बे नजर आने लगते हैं. यह एक तरह का एंटी-ऑक्सीडेंट है जो कोलाजन के प्रोडक्शन को बेहतर करने में सहायक है और इससे स्किन की कई दिक्कतें भी दूर होती है, विटामिन सी (Vitamin C) की कमी पूरी करने के लिए खानपान में आंवला, नींबू, संतरा, मौसंबी और अमरूद शामिल किया जा सकता है.
जैसे ही शरीर में विटामिन बी12 की कमी होने लगती है चेहरे पर झाईंया (Pigmentation) निकलना भी शुरू हो जाती है. इस विटामिन की कमी होने पर त्वचा पर खुद-ब-खुद दाग-धब्बे उभरने लगते हैं और चेहरे के साथ-साथ हाथों और पैरों को भी यह धब्बे घेर सकते हैं. डाइट में दूध, दही, चीज़ और हरी सब्जियां शामिल कर इस विटामिन की कमी को पूरा किया जा सकता है.
विटामिन डी
पिग्मेंटेशन और डार्क स्पॉट्स होने का एक कारण विटामिन डी (Vitamin D) की कमी भी है. इस विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में धूप लेना आवश्यक है. धूप इस विटामिन का मुख्य स्त्रोत है. धूप के अलावा दूध और दुग्ध पदार्थ इसके अच्छे स्त्रोत हैं. खानपाम में मीट, अंडे और मछली को भी शामिल किया जा सकता है.
मेलानिन एक प्रकार का पिग्मेंट है जिसकी जरूरत से ज्यादा मात्रा चेहरे पर पिग्मेंटेशन या धब्बों को कारण बन जाती है. इस पिग्मेंट को दूर करने में विटामिन ई (Vitamin E) कारगर साबित होता है. विटामिन ई टैबलेट या फिर विटामिन ई तेल तो चेहरे पर लगाया जा सकता है जिससे ये धब्बे हल्के होने लगें.