Positive India :  माता-पिता करते थे नौकरी, बेटे ने टीचर बनने के बाद UPSC Clear कर की हासिल की थी तीसरी रैंक – जानिए गोपाल कृष्णा रोनांकी की कहानी

आंध्र प्रदेश के गोपाल कृष्णा रोनांकी पेशे से एक स्कूल टीचर थे। उन्होंने अपनी आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार लाने के लिए UPSC सिविल सेवा परीक्षा देने का निर्णय लिया, लेकिन यह सफर उनके लिए आसान नहीं रहा। परीक्षा पास करने के बाद उन्हें कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) की ओर से दिल्ली में 20 टॉपर्स के लिए रखे गए सम्मान समारोह में भाग लेने का निमंत्रण मिला परन्तु उनके पास हवाई यात्रा के पैसे नहीं थे। इस समारोह में भाग लेने के लिए उन्हें एक परिचित से उधार लेना पड़ा। आइये जानते हैं प्रत्येक विषम परिस्थिति का डट कर सामना करने वाले रोनांकी के इस सफर के बारे में:



आंध्र प्रदेश के छोटे से गाँव के रहने वाले हैं रोनांकी

आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गाँव के गोपाल कृष्ण रोनांकी को सफलता का स्वाद चखने के लिए काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा। गोपाल के माता-पिता अप्पाराव और रुक्मिनम्मा श्रीकाकुलम शहर से 70 किलोमीटर दूर पलासा मंडल के परसम्बा गाँव में किसान थे। गाँव के दलित परिवार के विवाह में शामिल होने के कारण उनके माता-पिता का सामाजिक रूप से 25 साल तक बहिष्कार किया गया था। इससे उनके जीवन में आर्थिक और मानसिक रूप से बहुत बाधाएँ आईं।

इसे भी पढ़े -  Malkharouda News : छपोरा गांव में 5 दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर का मालखरौदा जनपद पंचायत उपाध्यक्ष रितेश साहू ने किया शुभारंभ, बच्चे, बुजुर्ग एवं महिलाएं रही मौजूद

रोनांकी ने तेलुगू माध्यम से अपनी पढ़ाई पूरी की

पैसों की तंगी के कारण गोपाल कृष्णा अपनी पढ़ाई किसी अच्छे स्कूल और कॉलेज से नहीं कर सके। इन सभी कठिनाइयों के बीच, रोनांकी ने दूरस्थ शिक्षा से तेलुगू माध्यम में अपनी पढ़ाई पूरी की। 10 वीं कक्षा के बाद, उन्होंने पलासा जूनियर कॉलेज से 12 वीं की पढ़ाई पूरी की। 12 वीं के तुरंत बाद गोपाल ने एक शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम लिया और एक सरकारी स्कूल में शिक्षक के रूप में काम करना शुरू कर दिया। एक शिक्षक के रूप में काम करते हुए, गोपाल ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की।

इसे भी पढ़े -  Malkharouda News : छपोरा गांव में 5 दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर का मालखरौदा जनपद पंचायत उपाध्यक्ष रितेश साहू ने किया शुभारंभ, बच्चे, बुजुर्ग एवं महिलाएं रही मौजूद

तेलुगू माध्यम से क्लियर की UPSC मेंस परीक्षा एवं इंटरव्यू
गोपाल ने 2015 में अपना पहला UPSC एटेम्पट दिया हालांकि वह प्रीलिम्स क्लियर नहीं कर पाए थे। 2016 में उन्होंने बेहतर तैयारी से एक बार फिर कोशिश की और प्रीलिम्स क्लियर किया। गोपाल ने मेंस के लिए तेलुगू लिटरेचर को अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट चुना। पैसों की तंगी होने के कारण उन्होंने कोई कोचिंग नहीं ली थी। वह बताते हैं की उन्हें कई दोस्तों द्वारा हतोत्साहित किया गया।

उनके दोस्त कहते थे कि तेलुगू मीडियम में पढ़ाई करके यूपीएससी सिविल सर्विसेज को क्रैक करना असंभव है। उन्होंने इन सभी को गलत साबित किया और ट्रांसलेटर की मदद से अपना UPSC इंटरव्यू भी तेलुगू भाषा में ही दिया। यह उनकी लगन और मेहनत का ही नतीजा है कि आज वह एक सफल IAS अफसर बन गए हैं।

इसे भी पढ़े -  Malkharouda News : छपोरा गांव में 5 दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर का मालखरौदा जनपद पंचायत उपाध्यक्ष रितेश साहू ने किया शुभारंभ, बच्चे, बुजुर्ग एवं महिलाएं रही मौजूद

error: Content is protected !!