5 मई को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर साल 2023 का पहला चंद्रग्रहण लगने वाला है। यह चंद्रग्रहण उपच्छाया चंद्रग्रहण होगा, जिसकी वजह से इसका सूतक काल नहीं होगा। वैसे देखा जाए तो चंद्रग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले ही प्रारंभ हो जाता है। सूतककाल के दौरान कई प्रकार के काम वर्जित होते हैं।



बुद्ध पूर्णिमा का चंद्रग्रहण रात 08 बजकर 45 मिनट पर लग जाएगा और यह देर रात 01:00 बजे खत्म होगा। यह चंद्रग्रहण किसी के लिए शुभ होगा तो किसी के लिए अशुभ फलदायी हो सकता है। चंद्रग्रहण के कई काम वर्जित होते हैं।
दही का सेवन न करें:
चंद्रग्रहण के दौरान कुछ भी नहीं खाना चाहिए। चूंकि, यह चंद्रग्रहण पूर्णिमा की रात में पड़ रहा है, इसलिए भूलकर भी दही का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे जीवन में धन हानि समेत कई नुकसान उठाने पड़ सकते हैं। हालांकि, अन्य दिनों में भी रात में दही खाने से मना किया जाता है।
तुलसी के पत्ते न तोड़ें:
पूर्णिमा की रात भूलकर भी तुलसी के पत्ते न तोड़ें। तुलसी पत्ते विष्णु जी की बहुत पसंद होते हैं। हालांकि, न केवल पूर्णिमा बल्कि किसी भी रात तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चहिए। बुद्ध पूर्णिमा को चंद्रग्रहण लग रहा है, इसलिए भूलकर भी तुलसी की पत्तियां न तोड़ें।
गर्भवती महिलाएं बरतें सावधानी:
इस बार बुद्ध पूर्णिमा को चंद्रग्रहण लगेगा, इसलिए गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को विशेष ध्यान देना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान बाहर नहीं निकलना चाहिए।
बुजुर्गों से विवाद से बचें:
पूर्णिमा सहित किसी भी दिन आप अपनी माता या फिर बुजुर्गों से वाद विवाद करते हैं, उनका अपमान करते हैं तो चंद्र दोष लगता है। चंद्र दोष से सुख-समृद्धि प्रभावित होती है। पूर्णिमा को चंद्रमा का प्रभाव अधिक होता है क्योंकि इस रात वह अपनी पूर्ण कलाओं से संपन्न होकर आलोकित होता है। ऐसे में आपको चंद्रमा की पूजा करनी चाहिए ताकि उससे जुड़े दोष दूर हों। चंद्रमा के प्रबल होने से धन, सुख और शांति आती है।






