जांजगीर-चाम्पा. पामगढ़ के कुटराबोड़ गांव में मलखम्भ के हैरतअंगेज प्रदर्शन खिलाड़ियों के द्वारा किया गया. समर कैंप के दौरान कोच पुष्कर दिनकर के द्वारा 50 से ज्यादा खिलाड़ियों को मलखम्भ की जानकारी दी जा रही है. मलखम्भ खेल में खिलाड़ी जिस तरह अलग-अलग आसन करते हैं और रस्सी पर चढ़कर प्रदर्शन करते हैं, उसे देखकर मौजूद लोग दांतों तले उंगली दबा लेते हैं.
मलखम्भ के समर कैंप में पोल मल्लखंब आसन के तहत कपाल उड़ी, दसरंग, टो बैलेंस, हाथ का फारा, पदमासन, वन हेंड मयूरासन, हैंड स्टेंड, हाथ की फिरकी, पैर की फिरकी, तबकफाड़ सिखाए जा रहे हैं. इसी तरह रोप मल्लखंब के तहत हाफ टर्न, क्रास, सादी उड़ी, पदमासन, पादहस्तासन, नटराज आसन, बैकफिस, क्रास टू वादी, बैक साल्टो आसन सिखाए जा रहे हैं. साथ ही, हैंगिंग मल्लखंब के तहत फ्रंट साल्टो, फारा, सुइडोरा, सोल्डर प्लैंक, बंदरी, बजरंग पकड़, क्रास, पदमासन, पश्चिम उत्तानासन, सादी उड़ी आसन सिखाए जा रहे हैं.
समर कैम्प में खिलाड़ियों के व्यक्तित्व विकास के भी प्रयास किए जा रहे हैं और इंग्लिश कोचिंग भी कराई जा रही है. मलखम्भ के खिलाड़ियों में भी काफी उत्साह दिख रहा है. नन्ही उम्र में कई खिलाड़ी मल्लखंभ का शानदार प्रदर्शन कर सभी को गैरत में डाल दे रहे हैं.
आपको बता दें, जिले का मल्लखम्भ टेनिंग सेंटर, कुटराबोड़ गांव में है और पिछले 6 साल से संचालित है. यहां अभी तक राज्य और राष्ट्रीय खिलाड़ी बन चुके हैं और कई गोल्ड, सिल्वर, ब्रॉन्ज मेडल ला चुके हैं. संसाधन के अभाव के बाद मल्लखम्भ के खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर सभी को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहे हैं.