Muhammad Ali: बॉक्सिंग की दुनिया का वो किंग जिसने 22 की उम्र में रचा इतिहास, 15 साल बाद ली रिटायरमेंट

नई दिल्ली. मशहूर बॉक्‍सर मुहम्‍मद अली अमेरिका के एक पेशेवर मुक्केबाज थे, और इन्हें मुक्केबाजी के इतिहास में दुनिया का सबसे बड़ा मुक्केबाज कहा जाता है। मुक्केबाजी के क्षेत्र में मुहम्मद अली तीन बार हैवीवेट चैंपियन रह चुके हैं। इसके अलावा उन्हें ‘स्पोर्ट्स पर्सनालिटी ऑफ द सेंचुरी’ के सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है।



मुहम्मद अली रिंग में अपने दमदार मुक्केबाजी और बेहतरीन फुटवर्क के लिए पूरी दुनिया में मशहूर थे। मुहम्मद अली ने तीन बार (पहला 1964, दूसरा 1974, और तीसरा 1978 में।) ‘लेनीयल चैंपियनशिप’ का खिताब अपने नाम किया है। यह कारनामा करने वाले वे विश्व के इकलौते हैवीवेट चैंपियन है, जिन्होंने तीन बार यह खिताब अपने नाम किया है। इसके साथ ही 25 फरवरी 1964 से लेकर 19 सितंबर 1964 तक अली ने हैवीवेट बॉक्सिंग चैंपियन का ताज अपने पास रखा है। इसके साथ-साथ अली कई ऐतिहासिक बॉक्सिंग मैचों जैसे ‘फाइट ऑफ द सेंचुरी’, ‘सुपर फाइट-2’ आदि में शामिल रहे।

वर्ष 1979 में मुहम्‍मद अली ने पहली बार विश्‍व हेवीवेट बॉक्‍स‍िंग चैंपियन के रूप में रिटायरमेंट की घोषणा की थी। लेकिन वर्ष लेकिन 1980 में उन्होंने रिंग में फिर वापसी की और नए विश्व चैंपियन लैरी होम्स से हार गए। बता दें अली ने 1981 में अली ने वास्तविक रूप से रिटायरमेंट ले लिया था। चलिए आज आपको इस लेख के जरिए मुहम्‍मद अली के जीवन के कुछ रोचक तथ्यों से परिचित कराते है…..
प्रारंभिक जीवन

मुहम्‍मद अली का जन्म 17 जनवरी 1942 में लुइसविले, केंटकी (USA) में हुआ था। अली के बचपन का नाम कैसियस मर्सीलस क्ले, जूनियर था। उनके पिता का नाम कैसियस मर्सीलस क्ले और माता का नाम ओडिसा ग्रैंडी क्ले था। जब अली 12 वर्ष के थे, तब उनके साथ एक ऐसी घटना हुई जिससे उन्होंने बॉक्सिंग में आने का फैसला किया।

एक बार मुहम्‍मद अली की साइकिल चोरी हो गई और उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस अधिकारी जो मार्टिन को दिया, और कहा कि ‘वह उस चोर को एक जोर का घुसा मारना चाहता है, जिसने भी उसकी साइकिल चोरी की है।’ इस पर जो मार्टिन ने कहा कि ‘किसी से लड़ने से पहले, तुम्हें अच्छी तरह से लड़ना सीखना होगा।’ जो मार्टिन एक स्थानीय जिम में लड़कों को बॉक्सिंग भी सिखाया करते थे; तो मोहम्मद अली भी उनसे ही मुक्केबाजी सीखने लगे।

करियर की शुरुआत

29 अक्टूबर 1960 में अली ने ‘टनी हनसेकर ‘ पर छठवें राउंड में ही जीत हासिल करने के साथ, अपने सफल कैरियर की शुरूआत की। उन्होंने 1960 के ‘रोम ओलंपिक’ खेलों में ‘लाइट हैवीवेट डिवीजन’ का स्वर्ण पदक भी जीता। अली ने पहली बार 1964 में विश्व चैंपियनशिप का खिताब जीता। इसके बाद 1974 और फिर 1978 में ‘विश्व चैंपियनशिप’ का खिताब अपने नाम किया।

मुहम्‍मद अली को उनके कम ‘आइक्यू (IQ) की वजह से आर्मी से दो बार रिजेक्ट कर दिया गया था, लेकिन फिर बाद में अली को फिट घोषित कर उन्हें सेना में शामिल करने के लिए अमेरिकी सेना द्वारा एक ड्राफ्ट तैयार किया गया। पर इस बार अली ने सेना में जाने से इंकार कर दिया।

8 मार्च 1971 में एक बॉक्सिंग मैच हुआ, जिसमें एक तरफ लगातार 26 मैच जीतने वाले जोसेफ विलियम फ्रेजर थे, तो वहीं दूसरी तरफ दुनिया के सबसे अच्छे और लगातार 31 मैच जीतने वाले बॉक्सर मुहम्‍मद अली थे। वहां मैच देख रहे इस सभी दर्शकों की जुबान पर दो ही नाम थे ‘अली और फ्रेजर’। सभी को यही लग रहा था कि अली, फ्रेजर को हरा देगा। मैच शुरू हुआ और पहले राउंड से लेकर 14वें राउंड तक सब ठीक था, लेकिन 15 राउंड में फ्रेजर ने दुनिया को चौंकाते हुए हैवीवेट चैंपियन को मात दे दिया।

इस तरह 10 सालों तक अजेय रहने रहने वाले ‘मुहम्‍मद अली’ को पहली बार बॉक्सिंग में मात मिली। वर्ष 1979 में पहली बार अली ने सन्यास की घोषणा की। 1980 में उन्होंने दोबारा रिंग में वापसी की, लेकिन वे नए विश्व चैंपियन लैरी होम्स से हार गए।

मुहम्‍मद अली ने 1981 में बॉक्सिंग से वास्तविक रूप से सन्यास ले लिया। इनके खाते में 56 जीत जिसमें 37 नॉकआउट और केवल 5 हार शामिल है। वर्ष 1996 में अटलांटा में हुए ओलंपिक में इन्हें ज्योति प्रज्ज्वलित करने का गौरव भी प्राप्त हुआ। 2005 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डब्ल्यू बुश ने मुहम्‍मद अली को ‘प्रेसीडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम’ से सम्मानित किया था।

पुरस्कार एवं सम्मान

1960- रोम ओलंपिक में मुहम्‍मद अली ने स्वर्ण पदक जीता था।
1964- लेनियल चैंपियनशिप का खिताब जीता।
1974- लेनियल चैंपियनशिप का खिताब जीता।
1978- लेनियल चैंपियनशिप का खिताब जीता।
1996- अटलांटा में हुए ‘ओलंपिक’ में इन्हें ज्योति प्रज्वलित करने का गौरव प्राप्त हुआ।
2005- अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश द्वारा मुहम्‍मद अली को ‘प्रेसीडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम’ से सम्मानित किया गया।

कुछ रोचक तथ्य

मुहम्‍मद अली ने कुल 61 मुकाबले लड़े, जिनमें से मुहम्‍मद अली को 56 मुकाबलों में जीत मिली और 5 मुकाबलों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

मुहम्‍मद अली ने अपने किसी प्रशंसक को ऑटोग्राफ के लिए कभी मना नहीं किया। क्योंकि जब मुहम्‍मद अली छोटे थे तो,उस समय के एक मशहूर बॉक्सर शुगर रे रॉबिंसन से, मोहम्मद अली ने एक बार ऑटोग्राफ मांगा था। लेकिन रे रॉबिंसन ने उन्हें झिड़कते हुए यह कहकर मना कर दिया था कि ‘उनके पास समय नहीं है।’ जिससे मुहम्‍मद अली बहुत निराश हुए थे। इसलिए वह अपने किसी भी प्रशंसकों को ऑटोग्राफ के लिए कभी मना नहीं करते थे।

मुहम्‍मद अली की सबसे छोटी बेटी लैला अली भी एक पेशेवर मुक्केबाज है; और उन्होंने कुल 24 मुकाबले लड़े, और सभी मुकाबलों में उन्होंने जीत हासिल की।
निधन

मुहम्‍मद अली 1984 से ही पार्किंसन रोग से पीड़ित थे जिसकी वजह से उन्हें सांस लेने में परेशानी होती थी। इसी परेशानी के कारण 3 जून 2016 को मुहम्‍मद अली का निधन हो गया। उनकी मौत का कारण ‘सेप्टिक शॉक’ को बताया गया।

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