Weak Eyesight Reasons : आंखों को कमजोर बना देती हैं ये 6 आदतें, कम उम्र में ही लग जाता है चश्मा, कुछ भी करें पर ये काम बिल्कुल न करें

उम्र के साथ आंखों की रोशनी कम होने लगती है, लेकिन आजकल कम उम्र के लोगों में भी आंखें जल्दी कमजोर होने की समस्याएं देखने को मिल रही हैं. छोटे बच्चों के भी चश्मे लग जाते हैं. कमजोर आंखें हमारी लाइफ क्वालिटी को खराब कर देती हैं. पास का न दिखना या दूर का साफ न दिखना जैसी समस्याएं परेशान कर सकती हैं. आंखों का कमजोर होना हमारी कुछ गलत आदतों के कारण भी हो सकता है. इससे आंखों पर जल्दी चश्मा लग जाता है. कुछ ऐसी आदतें हैं जो आपकी आंखों को कमजोर कर देंगी.



अगर आप भी कम उम्र में ही कमजोर आंखों की रोशनी से परेशान हो गए हैं तो यहां कुछ ऐसी आदतों के बारे में बताया गया है जिन्हें आपको आज से ही बदल देना चाहिए.

आंखों को कमजोर बनाने वाली आदतें

1. बहुत ज्यादा स्क्रीन टाइम
कंप्यूटर पर लंबे समय तक काम करने या स्मार्टफोन स्क्रॉल करने से आंखें ड्राई हो जाती हैं, धुंधली आंखों की रोशनी और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. डिजिटल स्क्रीन सेफ्टी चश्मे से कंप्यूटर आई स्ट्रेस से निपटा जा सकता है लेकिन आपको अपने स्क्रीन टाइम के घंटों को कम करना होगा. स्क्रीन से दूर देखने के लिए हर बीस मिनट में ब्रेक लें, दूर की किसी चीज को देखें और अपनी आंखों को आराम दें. आपको अपनी आंखों को चिकनाई देने के लिए लगभग दस बार धीरे-धीरे पलकें झपकानी चाहिए.

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2. कम पानी का सेवन
अगर आप पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं तो आपकी आंखों में पानी की कमी होने की संभावना ज्यादा होती है. इससे आंखें सूजी हुई, ड्राई और लाल हो जाएंगी. हाइड्रेशन बनाए रखना हमारी आंखों के लिए भी जरूरी है.

3. खराब डाइट
जिस तरह आपको अपने पानी के सेवन पर ध्यान देना चाहिए, उसी तरह आपको अपनी डाइट के बारे में सचेत रहने की जरूरत है. खराब डाइट आपकी आंखों के लिए हानिकारक है. हमारी आंखों की रोशनी के लिए जो फूड्स हेल्दी हैं उनमें पत्तेदार सब्जियां, अंडे, नट्स और सी फूड्स शामिल हैं.

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4. नींद की कमी
जब कोई रोज छह से आठ घंटे से कम नींद लेना शुरू कर देता है तो आंखों में थकान और तनाव शुरू हो सकता है. आप अकेले नहीं हैं जिन्हें आराम की ज़रूरत है. जब आप पर्याप्त नींद लेते हैं तो आप अपनी आंखों को भी लगातार चिकनाई देने का समय देते हैं.

5. आंखों को बार-बार रगड़ना
अगर आप अपनी आंखों को बार-बार रगड़ते हैं तो इससे मायोपिया और ग्लूकोमा की स्थिति खराब हो सकती है, जिसका सीधा असर आपकी आंखों की रोशनी पर पड़ता है.

6. धूम्रपान
धूम्रपान से खराब होने वाली सबसे आम आई कंडिशन रिस्क मैक्यूलर डिजनरेशन, ग्लूकोमा, ड्राई आंई और मोतियाबिंद हैं. धूम्रपान न करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वालों में मैक्यूलर डिजनरेशन होने की ज्यादा संभावना होती है. धूम्रपान करने वालों में भी मोतियाबिंद होने की संभावना ज्यादा होती है.

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