कोरोना और रूस एवं सऊदी अरब के बीच प्राइस वॉर है वजह
कोरोना के कहर और रूस तथा सऊदी अरब के बीच चल रहे प्राइस वॉर की वजह से कच्चा तेल 17 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है. भारत के लिए मायने रखने वाला ब्रेंट क्रूड ऑयल प्रति बैरल 23 डॉलर तक पहुंच गया है.
बढ़ रहा है कोरोना का कहर…
गौरतलब है कि दुनियाभर में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. दुनिया के 199 देश कोरोना की चपेट में हैं. वर्ल्डोमीटर के मुताबिक, दुनिया भर में कुल 7,21,902 लोग कोरोना से संक्रमित हैं जबकि 33,965 लोगों की मौत हो चुकी है.
सबसे ज्यादा चिंताजनक है अमेरिका में इसका तेजी से बढ़ना. एक वरिष्ठ अमेरिकी वैज्ञानिक ने तो यहां तक चेतावनी दी है कि इससे अमेरिका में 1 से 2 लाख लोगों की मौत हो सकती है. अमेरिका में 1.40 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो गए हैं.
इसकी वजह से दुनियाभर के शेयर बाजार भी धराशायी हो गए हैं. अमेरिका का वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड 5.3 फीसदी टूटकर 20 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया. इसी तरह भारत और अन्य अंतरराष्ट्रीय बाजार के लिए बेंचमार्क माने जाने वाला लंदन का ब्रेंट क्रूड 6.5 फीसदी टूटकर 23 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया.
भारत में क्या होगा…
कच्चे तेल की लगातार घटती कीमतों के बावजूद भारत सरकार के सामने तेल की कीमतों को घटाने का कोई दबाव नहीं है. तेल की कीमतों के टूटने के बाद तो सरकार ने एक्साइज ड्यूटी और बढ़ा दी थी. अब तो लॉकडाउन के हालात हैं ऐसे में पेट्रोलियम का इस्तेमाल भी सिर्फ ढुलाई कार्यों में सीमित स्तर पर हो रहा है.