रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों में लॉकडाउन के दौरान राहत और कोविड-19 के संक्रमण रोकने के उपायों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोई भूखा न सोए। सभी जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन और राशन सामग्री उपलब्ध कराने की अच्छी व्यवस्था की गई है। जिन परिवारों के पास राशनकार्ड नहीं उन्हें भी राशन उपलब्ध कराया जाए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जानकारी दी गई कि अधिकांश जिलों में राशन कार्डधारियों को दो माह के राशन के वितरण का काम पूर्णता की ओर है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के कार्याें के लिए आर्थिक संसाधनों की कोई कमी नहीं होगी। स्वास्थ्य विभाग को 60 करोड़ रूपए का आबंटन जारी कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने आने वाले समय में किस तरह से लॉकडाउन में ढिलाई दी जा सकती है और साथ ही अगले तीन दिन किस तरह कड़ाई से लॉकडाउन का पालन करवाना है, इस संबंध में अधिकारियों से गहन चर्चा की। श्री बघेल ने कहा कि अफवाह फैलाने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाए। आम जनता को भी अफवाहों से सावधान रहने के लिए जागरूक करें।
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जरूरतमंदों और श्रमिकों के लिए भोजन, राशन सामग्री के वितरण, उचित मूल्य की दुकानों से दो माह के राशन के वितरण की स्थिति, जिलों में कोविड-19 अस्पतालों, क्वांरेटाइन सेंटर, आइसोलेशन सेंटर और राहत शिविरों की व्यवस्था, लॉकडाउन के क्रियान्वयन की स्थिति और कानून और व्यवस्था की समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि सभी जिलों में कोविड-19 अस्पताल और वार्डाें, क्वांरेटाइन और आइसोलेशन सेंटर की व्यवस्था कर ली गई है। जिन लोगों में संक्रमण की संभावना हो सकती है, उनका नियमित स्वास्थ्य परीक्षण स्वास्थ्य विभाग के अमले द्वारा किया जा रहा है। जिलों में मास्क, सेनेटाइजर की पर्याप्त व्यवस्था कर ली गई है। समीक्षा के दौरान चिप्स कार्यालय से मुख्य सचिव श्री आर.पी. मण्डल, पुलिस महानिदेशक डी.एम. अवस्थी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े। मुख्यमंत्री निवास में अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री की उप सचिव सुश्री सौम्या चौरसिया उपस्थित थी। संभागीय मुख्यालयों में कमिश्नर और पुलिस महानिरीक्षक तथा जिलों के कलेक्टर और एसपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए।
श्री बघेल ने कहा कि प्रदेश में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत बड़े पैमाने पर कार्य शुरू होंगे। ग्राम पंचायतों के सचिव और रोजगार सहायकों को उनके मुख्यालय पर रहने के निर्देश दिए जाए। कार्यों के दौरान फिजिकल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जाए और सुरक्षा के सभी उपायों का कड़ाई से पालन किया जाए। कोरोना वायरस के संकट से पूरी दुनिया में अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। छत्तीसगढ़ में 80 प्रतिशत लोग गांवों में रहते हैं, गांवों में गौठान के ज्यादा से ज्यादा काम स्वीकृत कर गौठानों को आजीविका केन्द्रों के रूप में विकसित किया जाए, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान महुआ जैसी लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था वन समितियों और स्व-सहायता समूहों के माध्यम से की गई है। यदि व्यापारी समर्थन मूल्य से ज्यादा कीमत पर लघु वनोपज खरीदने के इच्छुक है तो उन्हें नहीं रोका जाए। उन्हें ट्रांसपोटिंग की अनुमति भी दी जाए, जिससे वनवासियों को वनोपजों का अच्छा मूल्य प्राप्त हो सके। श्री बघेल ने गर्मी के मौसम को देखतेे हुए पूरे प्रदेश में हैण्ड पंपों की मरम्मत के लिए अभियान चलाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि हैण्ड पंपों के स्पेयर पार्ट्स की दुकानें खोलने की अनुमति भी दी जाए।
श्री बघेल ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में जिला प्रशासन के साथ सभी विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों, समाज सेवी संगठनों के सहयोग से अच्छी व्यवस्था की गई है, जिससे छत्तीसगढ़ की पूरे देश में नयी पहचान बनी है। देश में छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा है। उन्होंने सुचारू व्यवस्था के लिए सभी लोगों को धन्यवाद दिया। श्री बघेल ने कहा कि अधिकारी-कर्मचारी और इस काम लगे सभी लोग अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए सेवा भाव से काम करें। उन्होंने हर ग्राम पंचायत और शहरी क्षेत्रों में ऐसे लोगों को, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर राशन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। बाहर से जो लोग गांवों में आ रहे हैं, उनकी रहने और खाने की व्यवस्था गांवों के बाहर कराने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए।
कोरबा जिले की समीक्षा के दौरान कलेक्टर और एसपी ने बताया कि कटघोरा में सेनेटाईजेशन पर फोकस किया गया है। पूरे क्षेत्र में वाहनों और बाईक के माध्यम से पुलिस पेट्रोलिंग की जा रही है। ड्रोन और सीसीटीवी कैमरा के माध्यम से निगरानी की व्यवस्था की गई है। पुलिस कर्मियों, स्वास्थ्य कर्मियों, सफाई कर्मियों को मास्क, सेनेटाईजर, पीपीई किट उपलब्ध कराए गए हैं। नजदीक के गांवों की सीमा पर बेरिकेटिंग की गई है। ड्यूटी पर तैनात जवानों की लोकेशन की मॉनिटरिंग गूगल मैप के माध्यम से की जा रही है। लोगों को घर पहुंचाकर राशन की सप्लाई की जा रही है। श्री बघेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जिला कलेक्टरों से कहा कि छत्तीसगढ़ के मजदूर जो दूसरे राज्यों में फंसे है, उनके लिए उस राज्य के प्रशासन के साथ बात कर सभी जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
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