कृषि विज्ञान केंद्र की वार्षिक कार्यशाला में शामिल हुए कृषि वैज्ञानिक और प्रगतिशील किसान, जिले के किसानों ने अपना अनुभव साझा किया

जांजगीर-चाम्पा. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अंतर्गत मध्यप्रदेश में 46 और छत्तीसगढ़ में 28 संचालित समस्त कृषि विज्ञान केंद्र की वार्षिक कार्यशाला का शुभारंभ केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ. कार्यक्रम के शुभारंभ में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर द्वारा सभी कृषि विज्ञान केंद्र वैज्ञानिक को बधाई दी और कहा कि कृषकों के हित में कार्य किये जा रहे हैं, वह सराहनीय है और उन्होंने कृषकों के साथ प्रक्षेत्र में रहकर कार्य करने को प्रेरित किया.
कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में जोनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर, जबलपुर डॉ. आर.के सिंह के द्वारा छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश दोनों राज्यों के में किये जा रहे कृषि कार्यों की जानकारी प्रदान की गई. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति माननीय डॉ. एस.के पाटिल ने अपने उद्बोधन में कृषकों का बढ़ावा देने हेतु उनके कार्य को व्यवसाय से जोड़ने की बात कही. निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. एस.सी मुखर्जी ने छत्तीसगढ़ में संचालित सभी कृषि विज्ञान केंद्रों के कार्यों पर प्रकाश डाला.
तकनीकी सत्र के पश्चात कृषकों के अनुभव साझा करने की कड़ी में कृषि विज्ञान केंद्र से जुड़े कृषक राकेश जायसवाल ग्राम – जोंगरा ने अपनी ऑनलाइन मार्केटिंग के कार्य का प्रस्तुतीकरण व अनुभव साझा किया. पामगढ़ विकासखंड से आये कृषक शिवनाथ लहरे ने किसानों की आय दोगुनी करने में समन्वित कृषि प्रणाली के महत्व को बताया एवं उनके द्वारा किये जा रहे मछलीपालन, मुर्गीपालन व बतख पालन कार्यों के अनुभव साझा किया. केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख राजीव दीक्षित व केंद्र के सस्य वैज्ञानिक शशिकांत सूर्यवंशी ने प्रस्तुतीकरण द्वारा अपने अनुभव साझा करने में कृषकों का सहयोग किया. कार्यक्रम में केंद्र के वैज्ञानिक रंजीत मोदी, प्रक्षेत्र प्रबंधक स. एस. खरे, सहायक महेश्वरी उपासक उपस्थित थे.



error: Content is protected !!