नई दिल्ली. शास्त्रों में चंद्र ग्रहण को महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। चंद्र ग्रहण का वैज्ञानिक रूप से भी विशेष महत्व है, वहीं ज्योतिषों और शास्त्रों की मानें तो इस दिन किसी भी शुभ कार्य या मांगलिक कार्य की मनाही होती है। इस दौरान अपने ईष्ट देव की अराधना मन ही मन की जाती है। वहीं, मंदिरों के भी पट बंद कर दिए जाते हैं।
ये बात हम आपको इसलिए बता रहें हैं क्योंकि अब से कुछ ही दिन के भीतर सदी का सबसे बड़ा च्रद ग्रहण लगने वाला है।मिली जानकारी के अनुसार चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को सुबह 11 बजकर 34 मिनट पर शुरू होगा और शाम 05 बजकर 33 मिनट पर समाप्त होगा। ये आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। इसे भारत समेत यूरोप और एशिया के ज्यादातर हिस्सों में देखा जा सकेगा। इसके अलावा यह ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, उत्तर-पश्चिम अफ्रीका, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत महासागर में दिखाई देगा।
भारत में मान्य होगा सूतक काल?
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत में उपछाया ग्रहण के रूप में दिखेगा। इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा।इन राशियों पर लगेगा ग्रहण
हिंदू पंचांग अनुसार, चंद्र ग्रहण विक्रम संवत 2078 में कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन वृषभ राशि और कृत्तिका नक्षत्र में लगेगा। ऐसे में इस राशि और नक्षत्र में जन्मे लोगों पर ग्रहण का सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। वृषभ राशि के जातकों को बेहद सतर्क रहना होगा। इस दौरान वाद-विवाद से बचें।