महाभारत काल के महान बुद्धिजीवियों में एक महात्मा विदुर की तेज बुद्धि से हर कोई प्रभावित था। महात्मा विदुर हस्तिनापुर के राजा धृतराष्ट्र के महामंत्री थे। महाभारत युद्ध से पहले महात्मा विदुर और धृतराष्ट्र के बीच जो भी बातें हुई थीं, उन्हें विदुर नीति के नाम से जाना जाता है। महात्मा विदुर जी ने अपनी नीतियों में कुछ सुझाव दिए हैं, जिसके कारण यह आज के समय में भी प्रासंगिक मानी जाती हैं। विदुर जी ने लोगों को ऐसी 5 बुरी आदतों का त्याग करने के लिए कहा है, जो जीवन को कष्टदायी बना देती हैं और जिनके कारण आप सुखमय जीवन व्यतीत नहीं कर पाते।
महात्मा विदुर के अनुसार मनुष्य को कर देना चाहिए अपनी इन 5 आदतों का त्याग –
अपनेपन की भावना में कमी : महात्मा विदुर का मानना है कि अगर व्यक्ति को अपना जीवन सुखमय और आनंददायक बनाना है तो उसके अंदर अपनेपन की भावना होना बेहद ही जरूरी है। क्योंकि अपनेपन की कमी व्यक्ति को कमजोर बनाती है। इसलिए लोगों में अपनेपन का भाव होना बेहद ही जरूरी है।
व्यर्थ की बातें : महात्मा विदुर के मुताबिक, मनुष्य को हमेशा व्यर्थ की बातें बोलने से बचना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से आगे चलकर उसे परेशानी हो सकती है। इसलिए मनुष्य को हमेशा सटीक बोलना चाहिए।
गुस्सा : विदुर जी के अनुसार, गुस्सा मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। क्योंकि गुस्से में आकर इंसान ऐसी हरकत कर बैठता है, जिसके लिए बाद में उसे पछताना पड़ता है। इसिलए अगर आप सुखी जीवन जीना चाहते हैं तो अपनी इस आदत को तुरंत बदल लें।
घमंड : महात्मा विदुर के अनुसार, मनुष्य को कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसे लोग घमंड में आकर अक्सर खुद की हानि कर बैठते हैं।
लालच : विदुर जी बताते हैं कि लालच करने वाला इंसान हमेशा परेशान रहता है। क्योंकि लालच में पड़कर वह ऐसा कुछ कर बैठता है, जिससे उसकी जिंदगी में अशांति आ जाती है। इसलिए अगर आप सुखी जीवन जीना चाहते हैं तो लालच को तुरंत त्याग देना चाहिए।