पानी हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी तत्व है। यह शरीर को हाइड्रेट रखते हुए कई बीमारियों को दूर करता है। यह विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने, पोषक तत्वों और ऑक्सीजन को कोशिकाओं तक ले जाने, त्वचा को स्वस्थ रखने , शरीर के तापमान को नियंत्रित करने और मास्तिष्क को कार्य करने में भी मददगार है। यहां तक की जोड़ों को चिकनाई देने के लिए भी पानी की जरूरत होती है। इसलिए विशेषज्ञ व्यक्ति को दिनभर में 3 -5 लीटर पानी पीने की सलाह देते हैं।
दिनभर में पर्याप्त पानी पीना ही काफी नहीं है, बल्कि इसका लाभ तभी लिया जा सकता है , जब इसे सही तरह से पियें। यह बात पूरी तरह से सच है। यदि आप उन लोगों में से एक है, जो एक बार में बहुत कम पानी पीते हैं, तो आपको अभी से ही ऐसा कर देना बंद कर देना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार, गलत तरीके से पानी पीने से पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। तो आइए जानते हैं आयुर्वेद के अनुसार, कैसे गलत तरीके से पानी का सेवन पाचन क्रिया पर असर डालता है और वास्तव में पानी पीने का सही तरीका क्या है।
पानी कैसे पाचन क्रिया को बाधित करता है
पोषक तत्वों के बेहतर अवशोषण के लिए भोजन का पचना बहुत जरूरी है। जब आप भोजन शुरू करने से पहले या भोजन के बीच में पानी पीते हैं, तो इससे पाचन स्वास्थ्य खराब हो सकता है। आयुर्वेद कहता है कि ऐसा करने से पेट में भोजन की स्थिति पर सीधा असर पड़ता है। पानी एक कूलेंट है और भोजन के समय पाचक अग्रि को शांत कर सकता है। भोजन के दौरान नियमित रूप से पानी पीने से वजन बढ़ने में देर नहीं लगती।
सबसे पहले तो एक बार में एक गिलास पानी बिल्कुल भी ना पीएं। इसके बजाय धीरे-धीरे घूंट करके पीएं।
खाना खाने के ठीक बाद या पहले कभी पानी ना पीएं। दरअसल, पानी पीने का यह तरीका गैस्ट्रिक जूस को पतला कर देता है, जिससे आपके सिस्टम के लिए भोजन से पोषक तत्वों को पचाना और अवशोषित करना मुश्किल हो जाता है।
आयुर्वेद के अनुसार, ये है पानी पीने का सही तरीका
यदि आपको प्यास लगी है , तो भोजन करने से 30 मिनट पहले पानी पीएं। या फिर भोजन करने के 30 मिनट बाद तक इंतजार करें और फिर पानी पीएं।
भोजन करने के दौरान अगर आपको प्यास लगी है, तो सीधे एक गिलास पानी नहीं बल्कि एक या दो घूंट पानी पी सकते हैं।
अगर आपको भोजन पचाने में मुश्किल होती है, तो भोजन के बेहतर पाचन के लिए गर्म पानी पीना अच्छा माना जाता है। एक गिलास ठंडे पानी की तुलना में गर्म पानी ज्यादा हाइड्रेटिंग होता है।
खाने के 30 मिनट पहले या बाद में पानी पिएं
यदि आपको प्यास लगी है , तो भोजन करने से 30 मिनट पहले पानी पीएं। या फिर भोजन करने के 30 मिनट बाद तक इंतजार करें और फिर पानी पीएं।
भोजन करने के दौरान अगर आपको प्यास लगी है, तो सीधे एक गिलास पानी नहीं बल्कि एक या दो घूंट पानी पी सकते हैं।
अगर आपको भोजन पचाने में मुश्किल होती है, तो भोजन के बेहतर पाचन के लिए गर्म पानी पीना अच्छा माना जाता है। एक गिलास ठंडे पानी की तुलना में गर्म पानी ज्यादा हाइड्रेटिंग होता है।
खड़े होकर पानी पीने के नुकसान
अक्सर जल्दबाजी या आलस में हम खड़े होकर पानी पी लेते हैं। लेकिन पानी पीने का यह तरीका एकदम गलत और नुकसानदायक है। दरअसल, जब आप
। ऐसा करने से पानी सीधे झटके से खाद्य नलिका में जाकर निचले पेट की दीवार पर गिरता है।
यह आपके शरीर से आसानी से निकलकर कोलोन में पहुंच जाता है। इससे किडनी और ब्लैडर से विषाक्त पदार्थ जमा होने लगते हैं। इसके अलावा पानी को निगलने से वास्तव में आपकी प्यास पूरी तरह से नहीं बुझ पाती।
तो अगर आप भी पानी पीते वक्त ये गलतियां करते हैं, तो इन्हें दोहराएं नहीं। पाचन संबंधी समस्याओं से निजात पाने के लिए यहां पानी पीने का सही तरीका जरूर ट्राय करें।
डिस्क्लेमर : यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।