नई दिल्ली. तीन जनवरी से शुरू होने जा रहे 15 से 18 साल की आयु के किशोरों के कोरोना टीकाकरण के लिए एक जनवरी से पंजीकरण शुरू हो जाएगा। इसके लिए कोविन एप पर स्कूल आइडी कार्ड से पंजीकरण का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने बच्चों के साथ-साथ हेल्थ केयर व फ्रंटलाइन वर्कर्स और गंभीर बीमारी से ग्रस्त 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए शतर्कता डोज देने की गाइडलाइंस भी जारी कर दी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइंस के अनुसार किशोरों के टीकाकरण के लिए कोविन पोर्टल पर आनलाइन या वैक्सीनेशन सेंटर पर आफलाइन दोनों तरह से पंजीकरण कराने की सुविधा होगी। कोविन पोर्टल पर आनलाइन पंजीकरण एक जनवरी से शुरू हो जाएगा। पंजीकरण के लिए वे अपने माता, पिता या अभिभावक के कोविन प्लेटफार्म पहले से मौजूद लागिन आइडी से किया जा सकता है या फिर नए मोबाइल से ओटीपी से भी लागिन किया जा सकता है। वैसे स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस में किशोरों के लिए सिर्फ कोवैक्सीन लगाये जाने की बात कही गई है क्योंकि ड्रग कंट्रोरल जनरल आफ इंडिया ने 15 से 18 साल के किशोरों में केवल इसके इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दी है।
जबकि डीसीजीआइ जायडस कैडिला की वैक्सीन जायकोवी-डी को भी इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दे चुका है, जिसका ट्रायल 12 से अधिक उम्र के बच्चों के लिए भी किया गया था। इस संबंध में पूछे जाने पर स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जायकोवी-डी को टीकाकरण अभियान में शामिल किया जा रहा है कि लेकिन इसकी सीमित आपूर्ति और लगाने की अलग विधि के कारण समय लग रहा है। उन्होंने कहा कि कोवैक्सीन के अलावा कई वैक्सीन का विभिन्न आयुवर्ग के बच्चों पर ट्रायल अंतिम चरम में है और डीसीजीआइ से हरी झंडी मिलने पर उन्हें भी किशोरों के टीकाकरण में इस्तेमाल किया जा सकता है।
गाइडलाइंस के अनुसार, 10 जनवरी से शुरू होने जा रहे हेल्थकेयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और गंभीर बीमारी से ग्रस्त 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को वैक्सीन के दूसरी डोज के नौ महीने पूरा होने के बाद ही प्रीकाशन डोज दिया जाएगा। 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को अपनी बीमारी के लिए डाक्टर से सर्टिफिकेट देने होगा। जबकि हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स को नौ महीना पूरा होने के बाद खुद ही प्रीकाशन डोज लेने का एसएमएस आ जाएगा।
वैसे ये कोविन पोर्टल पर अपने पुराने लागिन आइडी से टीके के लिए पहले से समय और स्थान बुक कर सकते हैं। वहीं, उन्होंने वैक्सीनेशन सेंटर भी जाकर इसे लगाने की सुविधा होगी। खासबात यह है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी नई गाइडलाइंस में यह साफ-साफ नहीं बताया कि प्रीकाशन डोज के रूप में पहले दिये गए टीके को ही लगाया जाएगा या फिर दूसरे टीके को भी लिया जा सकता है। इस संबंध में पूछे जाने पर स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फिलहाल इसकी शुरूआत पुराने टीके के ही प्रीकाशन डोज के रूप में हो रही है। यानी कोविशील्ड या कोवैक्सीन लेने वाले लोग प्रीकाशन डोज के रुप में वहीं डोज ले सकेंगे, जिसे उन्होंने पहले लिया था।