रोहित को कप्तानी मिलने से कोहली को कौन से 4 बड़े फायदे होंगे

विराट कोहली टीम इंडिया के वनडे कप्तान नहीं रहे. BCCI ने कोहली को वनडे की कप्तानी से हटा दिया है. रोहित शर्मा को वनडे टीम का नया कप्तान बनाया गया है. इससे पहले कोहली ने T20 टीम की कप्तानी छोड़ दी थी. बाद में उनकी जगह रोहित शर्मा को T20 टीम की कमान मिली.



अब रोहित वनडे और T20 में टीम इंडिया की कप्तानी करेंगे. वहीं विराट कोहली टेस्ट में. BCCI के इस फैसले से कोहली फैन्स काफी ख़फा हैं. सोशल मीडिया पर BCCI की जमकर आलोचना भी कर रहे हैं. वैसे रोहित के कप्तान बनने से कोहली को नुकसान तो हुआ है, लेकिन फायदे भी हुए हैं. हम आपको उन पांच फायदों के बारे में बताने वाले हैं जो रोहित के कप्तान बनने से विराट कोहली को हुआ है.

दरअसल, रोहित के कप्तान बनने से लीडरशिप रोल बंट गया है. अब टेस्ट में कोहली अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे. रोहित लिमिटेड ओवर फॉर्मेट में. ऐसे में दोनों कप्तानों पर दबाव कम रहेगा. पहले कोहली तीनों फॉर्मेट में टीम इंडिया की कप्तानी कर रहे थे. भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी तीनों फॉर्मेट में करना सबसे मुश्किल काम है. हर मैच में जीत का दबाव रहता है. हर सीरीज अहम होती है. टीम की हार से दबाव बढ़ता है और उस दबाव को झेलना आसान नहीं है. उस देश में, जहां क्रिकेट को धर्म समझा जाता है. अब कोहली फ्री होकर एक ही फॉर्मेट में कप्तानी की ज़िम्मेदारी उठाएंगे और उसी पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं.

‘बल्लेबाज’ विराट कोहली के पास फिर से रिवाइव करने का मौका है. बीते दो सालों में कोहली के बल्ले से एक भी इंटरनेशनल शतक नहीं आया है. कोहली जैसे खिलाड़ी से हर मैच, हर सीरीज में फैन्स शतक की उम्मीद करते हैं. पहले बल्लेबाजी के साथ कप्तानी का भी दबाव होता था. लेकिन अब ऐसा नहीं है. विराट के पास अब क्रीज पर वक्त बीताने का पूरा समय है. हो सकता है कि कप्तानी जाने की वजह से बल्लेबाज कोहली की फॉर्म बढ़िया हो जाए

कोरोना काल में खिलाड़ियों के लिए जिंदगी और भी ज्यादा मुश्किल हो गई है. बायो-बबल में रहने की वजह से मानसिक तनाव की समस्या खूब देखने को मिली है. लगातार क्रिकेट खेला जा रहा है. ऐसे में खिलाड़ी भी चाहते हैं कि उन्हें छुट्टी मिले. परिवार के साथ वक्त बिताएं. तीनों फॉर्मेट में कप्तानी करने की वजह से कोहली को पर्याप्त वक्त और आराम नहीं मिल रहा था. लेकिन अब कोहली जब मन चाहे, आराम ले सकते हैं. वैसे भी टीम इंडिया की बेंच स्ट्रेंथ काफी मजबूत है. कई खिलाड़ी हैं जो कोहली की गैर मौजूदगी में उनकी जगह ले सकते हैं.

विराट कोहली अब उस मुकाम पर हैं, जहां करियर के अंतिम पड़ाव में एमएस धोनी थे. कहने का मतलब है कि कोहली सीनियर और अनुभवी खिलाड़ी होने के नाते युवाओं को प्रेरित कर सकते हैं. ड्रेसिंग रूम का माहौल हल्का कर सकते हैं. कोहली मेंटोर की भूमिका में फिट बैठेंगे. और ऐसा उन्हें करना भी चाहिए, जितना हो सके अनुभव बांटे ताकि भविष्य के सितारों को किंग कोहली की वजह से फायदा मिले.
कैप्टेंसी को लेकर हर बार टीम इंडिया में इतना संघर्ष क्यों रहता है?

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