जांजगीर. बैंक द्वारा जारी किए जाने वाले एटीएम कार्ड में हितग्राही को बीमा का मिलता है लाभ, बैंक ने नहीं दिया लाभ तो जिला उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया… अब ये आया फैसला… पढ़िए…

जांजगीर-चाम्पा. बैंक द्वारा जारी किए जाने वाले एटीएम कार्ड में हितग्राही को बीमा का लाभ मिलता है, अगर किसी की मृत्यु हो जाये तो ऐसे ही एक मामले में हितग्राही द्वारा प्रस्तुत किए गए दावा को एसबीआई द्वारा ठुकरा दिया गया, जिसे उपभोक्ता आयोग ने ना केवल बीमा की रकम 45 दिनों के भीतर भुगतान करने का फैसला सुनाया है, बल्कि वाद व्यय, मानसिक क्षतिपूर्ति भी भुगतान करेगा।



मालखरौदा क्षेत्र के ग्राम पोता निवासी पंकज अनाला की माता श्रीमती जलबाई अनाला का भारतीय स्टेट बैंक की शाखा डभरा में अकाउंट है. अकाउंट में हितग्राही को एटीएम की सुविधा मिली हुई है. हितग्राही की 12 जून 2017 को मृत्यु हो गई. इस पर पंकज अनाला ने स्टेट बैंक से संपर्क कर एटीएम कार्ड से मिलने वाली बीमा सुविधा का दावा प्रस्तुत किया.

लेकिन इस बैंक प्रबंधन द्वारा 90 दिनों के भीतर प्रस्तुत नहीं करने का हवाला देकर खारिज कर दिया मामले को उपभोक्ता आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया, जिसकी सुनवाई करते हुए अध्यक्ष श्रीमती तजेश्वरी देवी देवांगन, सदस्य मनरमण और श्रीमती मंजूलता राठौर ने पाया की एसबीआई द्वारा प्रदत बीमा का लाभ ग्राहक को हर हाल में मिलना चाहिए।

इसके लिए दावा करने का कोई निर्धारित समय सीमा की बात पर असहमति जताते हुए आयोग ने इसे एसबीआई की सेवा में कमी पाया। एसबीआई को मामले में ग्राहक को बीमा की रकम ₹200000 के साथ मानसिक क्षतिपूर्ति 5000 रुपए तथा वाद व्यय स्वरूप 1 हजार रूपए भुगतान करने का फैसला सुनाया।

45 दिन में एक बार ट्रांजैक्शन करना अनिवार्य होता है.
मामले में फैसला सुनाते हुए उपभोक्ता आयोग ने पाया कि हितग्राही के खाते से 45 दिन पहले एक सफल ट्रांजैक्शन अनिवार्य होना चाहिए। इसके बाद वह एटीएम बीमा का लाभ प्राप्त करने का अधिकारी है। इस मामले में भी हितग्राही द्वारा कुछ दिन पूर्व करीब ₹10000 का आहरण किया गया था, जिससे उसका दावा बन गया और उसे बीमा का लाभ मिला।

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