अपेंडिसाइटिस (अपेंडिक्स) की समस्या में फायदेमंद हो सकते हैं ये 5 योगासन, जानिए इन 5 योग को करने का तरीका…

अगर हमारा पेट स्वस्थ रहता है, तभी हम अच्छे से भोजन खा पाते हैं या पचा पाते हैं। इसकी मदद से हमारा शरीर सही ढंग से काम करता हैं लेकिन अगर पेट में ही कोई परेशानी हो जाए, तो इससे कहीं न कहीं आपका पूरा शरीर प्रभावित होता है। ऐसी ही पेट से जुड़ी एक समस्या अपेंडिक्स है। दरअसल अपेंडिक्स शरीर में मौजूद एक अंग होता है। यह छोटी और बड़ी आंत के बीच होता है। इसमें पाचन क्रिया के लिए अच्छे बैक्टीरिया जमा होते हैं, जो खाना पचाने में मदद करते हैं लेकिन आंतों में इंफेक्शन, कब्ज और पेट में गंदे बैक्टीरिया के कारण अपेंडिक्स में सूजन आ जाती है या इसकी नली में रुकावट भी जाती है। इसे अपेंडिसाइटिस कहते हैं। इस समस्या में पेट में असहनीय दर्द होता है। अपेंडिक्स का दर्द नाभि से आगे, नीचे और दाहिने तरफ होता है। यह सूजन के कारण यदि नस पेट में ही फट जाए, तो यह आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है।



अपेंडिक्स के लक्षण –

1. पेट में दर्द
2. तेज बुखार
3. उल्टी
4. भूख न लगना

अपेंडिक्स में करें योग –

1. वृक्षासन

अपेंडिक्स की समस्या में वृक्षासन करने के कई फायदे हैं। इसकी मदद से अपेंडिक्स के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है। इस योग से पाचन को ठीक किया जा सकता है। पाचन क्रिया ठीक होने से पेट के दर्द और भूख लगने की समस्या में आराम मिलता है।

वृक्षासन करने का तरीका –
1. वृक्षासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले आप एक योग मैट पर खड़े हो जाएं।
2. इसके बाद एक पैर को घुटने से मोड़कर पैर के तलवे को दूसरे पैर की जांघ पर टिका दें।
3. इस समय दूसरा पैर सीधा होगा और उसी पैर से संतुलन बनाए रखें।
4. इस मुद्रा के दौरान गहरी सांस भरकर दोनों हाथों को ऊपर उठाते हुए सिर के ऊपर ले आएं और दोनों हथेलियों को जोड़ लें। हाथों से नमस्कार मुद्रा बनाएं।
5. योग के दौरान कमर, रीढ़ की हड्डी और सिर एक बराबर रेखा में होना चाहिए।
6. करीब 5 मिनट तक इसी मुद्रा में रहने की कोशिश करें।
7. लंबी सांस लेते हुए शुरुआती मुद्रा में वापस आएं और पैरों को कुछ सेकेंड आराम दें।
8. फिर दूसरे पैर के साथ भी ऐसा ही अभ्यास करें।
सावधानियां
1. अगर आपको माइग्रेन या हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी है,तो इस योग के प्रयास से बचें।
2. गर्भवती महिलाओं को भी इस योग को ट्रेनर की उपस्थिति में ही करना चाहिए।
3. गाठिया से प्रभावित लोगों को भी ये योगासन नहीं करना चाहिए।

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2. सर्वांगासन

सर्वांगासन में पीठ के बल लेटकर पैरों को ऊपर उठाया जाता है। इस आसन की मदद से पेट में कब्ज और गैस की समस्या से आराम मिलता है। इससे पैरों की मांसपेशियों को भी आराम मिलता है।

सर्वांगासन योग करने का तरीका –
1. सर्वांगासन में पीठ के बल लेट जाएं। फिर दोनों हाथों को सीधा शरीर से लगाकर रखें।
2. इसके बाद धीरे-धीरे सांस लेते हुए पहले पैरों, फिर कुल्हों और अंत में कमर को ऊपर उठाएं।
3. ऊपर की ओर शरीर का संतुलन बनाए रखने के लिए कमर को हाथों से सहारा दें और कोहनियों को जमीन पर टिका दें।
4. इस मुद्रा में दोनों पैर सटे हुए और बिल्कुल सीधे होने चाहिए।
5. योग करते समय आप अपने शरीर का पूरा भार कंधे, कोहनियों और सिर पर होगा। वहीं ठुड्डी छाती को छू रही होगी।
6. कुछ सेकेंड के लिए इसी अवस्था में रहें और सांस लेते और छोड़ते रहें।
7. अब धीर-धीरे पैरों को वापस स्थान पर ले आएं और प्रारंभिक मुद्रा में आ जाएं।
सावधानियां
1. हृदय रोग या रीढ़ की हड्डी में परेशानी होने पर इस अभ्यास को न करें।
2. यदि आपके गर्दन वाले हिस्से में दर्द हो, तो इस योग से परहेज करें।
3. गर्भावस्था में इस योग को बिल्कुल न करें।
4. कमर में दर्द होने पर इस आसन को न करें।

3. विपरीत करणी –

अपेंडिक्स को दूर करने के लिए विपरीत करणी बेहद लाभकारी योग है। इस योग में दोनों पैरों को ऊपर उठाया जाता है, जिससे पेट वाले हिस्से पर खिंचाव आता है। पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने और आंत की क्रिया को तेज करने के लिए काफी फायदेमंद होता है। सर्जरी करवाने के बाद यह योगासन काफी लाभदायक होता है।

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विपरीत करणी योग करने के तरीके –
1. इस योगासन में दीवार के करीब योग मैट बिछा लें।

2. अब दीवार की तरफ मुंह करके बैठ जाएं।
3. इसके बाद दोनों हाथों से सहारा लेते हुए पीछे की ओर झुकें व कमर के नीचे वाले हिस्से को ऊपर उठाकर सीधे दीवार से टिका दें।
4. ऐसा करते समय कमर को हाथों से सहारा दें। इस दौरान कंधए, सिर और कोहनी जमीन पर रहेंगी।
5. थोड़ी देर के लिए इसी अवस्था में रहें। फिर इस आसन को विपरीत अवस्था में करते हुए शुरुआती स्थिति में वापस आ जाएं।
6. इस योगासन को 7 मिनत तक कर सकते हैं।
सावधानियां
1. पीरियड्स में इस योगासन को न करें।
2. ग्लूकोमा से पीड़ित व्यक्ति इस योगासन को न करें।

4. वीरभद्रासन योग

इस योग के नियमित अभ्यास से पेट की मांसपेशियों कोो मजबूती मिलती है, जिससे अपेंडिक्स की समस्या को बढ़ने से रोका जा सकता है। इससे भूख न लगने की परेशानी भी कम हो सकती है।

वीरभद्रासन योग करने का तरीका –
1. इस योग को करने के लिए समतल स्थान पर पैरों के बीच कुछ दूरी बनाकर खड़े हो जाएं।
2. फिर अपने दोनों हाथों को एक साथ ऊपर की ओर उठाकर जोड़ लें।
3. इसके बाद बाएं पैर को धीरे से घुमाएं। अब शरीर को बाईं ओर घुमाएं और लंबी सांस लें और बाएं घुटने को मोड़ लें।
4. अब बाएं घुटने और टखने को बराबर अवस्था में रखें।
5. कुछ सेकेंड के लिए इसी मुद्रा में रहें और वापस शुरुआती मुद्रा में वापस आ जाएं।
6. थोड़े देर विराम करने के बाद दाएं पैर से शेष चक्र को पूरा करें।

सावधानियां –
1. कमर वाले हिस्से में दर्द होने पर इस योगासन को न करें।
2. अगर आपके पैरों में दर्द हैं या घुटनों में परेशानी है, तो इस योगासन को ट्रेनर की मौजूदगी में ही करें।
5. त्रिकोणासन योग

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त्रिकोणासन में शरीर को तीन कोण के आकार का बनाया जाता है। इससे पेट और हाथों की मांसपेशियां मजबूत होती है। जिसकी वजह से अपेंडिक्स के दर्द को कम कर सकते हैं।

त्रिकोणासन योग करने के तरीके –
1. इस योगासन को करने के लिए योग मैट पर सीधे खड़े हो जाएं।
2. दोनों पैरों को एक-दूसरे से अलग करें और दोनों हाथों को कंधे जितना ऊपर लाकर फैला लें।
3. फिर गहरी सांस लेते हुए बाएं हाथ को ऊपर उठाकर हथेली को कान से चिपका लें।
4. साथ ही अपने दाएं पैर को बाहर की तरफ मोड़ें।
5. अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए कमर को दाईं तरफ झुकाएं।
6. फिर बाएं हाथ को जमीन के बराबर लाने का प्रयास करें और दाएं हाथ से दाएं पैर के टखने को स्पर्श करने की कोशिश करें।
7. अब इसी अवस्था में 10 सा 15 सेकंड रहने की कोशिश करें और सांस लेते व छोड़ते रहें।
8. इसके बाद शुरुआती मुद्रा में वापस आ जाएं और दूसरी ओर से इस मुद्रा को दोहराएं।

सावधानियां –
1. कमर,पीठ, गर्दन या रीढ़ में समस्या होने पर इस योग को न करें।
2. चक्कर आने या सिर घुमने की समस्या है, तो इस योग को न करें।
3. साइटिका की समस्या होने पर इस योगासन को करने से परहेज करें

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