कोरबा. “समग्र शिक्षा” राज्य परियोजना कार्यालय रायपुर छत्तीसगढ़ द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर बेबिनार का आयोजन किया गया | इस कार्यक्रम का उद्देश्य हमारी छत्तीसगढ़ी भाषा को जन मानस तक पहुंचाना व स्कूल के बच्चों को छत्तीसगढ़ी भाषा से जोडे रखना था |
कार्यक्रम में डाॅ. पीसी लाल यादव, मीर अली मीर, डां. चम्पेश्वर गोस्वामी प्रसिद्ध गीतकार, लेखक और साहित्यकार की उपस्थिति में छत्तीसगढ़ से अनेक शिक्षकों ने अपनी प्रस्तुति दी | इसी तारतम्य में प्रा. शा. नवापारा (सिरमिना),पोड़ी उपरोडा, कोरबा के शिक्षक शांति लाल कश्यप के द्वारा स्वरचित गीत “पढ़ई तुंहर दुआर” प्रस्तुत किया गया | जिसे राज्य स्तर पर बहुत सराहा गया | कोरोना काल में जब स्कूल पूरी तरह बंद थे, तब शिक्षक ने आनलाईन क्लास, मोहल्ला क्लास व विडियो क्लिप के द्वारा बच्चों को पढ़ाई से जोडे रखा |
अनुभव आधारित शिक्षा देने के फलस्वरूप शिक्षक को सी. जी. स्कूल के “पढ़ई तुंहर दुआर” में नायक के रूप में चयनित किया गया था | आये दिन शिक्षक के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में नये- नये नवाचार किया जाता रहा है | शिक्षक के इस उपलब्धि पर संकुल नोडल प्राचार्य रमेश कुमार चन्द्रा, संकुल समन्वयक एम. आर. श्याम एवं संकुल के शिक्षकों के द्वारा शुभकामनाएं एवं बधाई दी गई.