छग सरकार का बजट हताशा और व निराशा से भरा हुआ है, इस बजट में कोई कल्पना दिखाई नहीं देती : नारायण चंदेल

जांजगीर-चाम्पा. विधायक एवं छ.ग. विधान सभा के पूर्व उपाध्यक्ष एवं भाजपा के प्रदेश महामंत्री नारायण चंदेल ने छ.ग. के राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत वित्तीय वर्ष 2022-23 के आम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत इस आम बजट में विकास की कोई झलक दिखाई नहीं देती।



उन्होंने कहा कि यह बजट सिर्फ आकड़ों का मायाजाल है। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास की किसी प्रकार की कल्पना इस बजट में परिलक्षित नहीं होता। विगत 3 सालों में विकास के सारे काम ठहर गये है. बिजली, पानी, अस्पताल, स्कूल, सड़क जैसी बुनियादी चिजों के लिए इस बजट में कोई ठोस प्रावधान नहीं है। नये पुल, पुलिया, ओवरब्रीज इन सभी चीजों के लिए इस बजट में ‘‘ऊट के मुह में जीरा’’ है।

विधायक श्री चंदेल ने इस बजट को दिशाहीन बताया। बेरोजगार व नवजवानों को रोजगार देने का इस बजट में कोई प्रावधान नहीं है। ग्रामोद्योग, कुटीर उद्योग को बढ़ाने के लिये इस बजट में कोई उल्लेख नहीं है। प्रदेश के बुनकरों को कैसे रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा व उनके कर्ज माफ का कोई उल्लेख नहीं है। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में नये स्कूल, स्कूलों का उन्नयन, नये महाविद्यालय भवन एवं नये स्कूल भवन के लिए इस बजट में कोई उचित राषि का प्रावधान नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां पर भवन विहीन आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है वहां भी नये आंगनबाड़ी भवन के लिए इस बजट में कहीं कोई प्रावधान नहीं है।

विधायक श्री चंदेल ने कहा कि स्थानिय लोगों को कैसे रोजगार मिलेगा इसका इस बजट में कोई ठोस परिलक्षित नहीं होती। यह बजट हताषा व निराषा से भरा हुआ बजट है तथा इस बजट में विकास की कहीं कोई दिषा दिखाई नहीं देती। विधायक श्री चंदेल ने इस बजट की तिखी आलोचना करते हुए इसे छ.ग. के विकास को पिछे ले जाने वाला बताया है।

इस बजट में कांग्रेस के जन घोशणा पत्र को पूरा किये जाने का कोई उल्लेख नहीं है। आज पूरे प्रदेष में अधिकारी व कर्मचारी आंदोलनरत है, कर्मचारियों को नियमितिकरण किये जाने का कोई उल्लेख नहीं है। यह बजट सिर्फ ढोल में पोल है।

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