जांजगीर-चाम्पा. बम्हनीडीह क्षेत्र के गोविंदा गांव के युवा किसान गोविंद जायसवाल के द्वारा पहली बार पीला तरबूज की खेती की गई है. एमएससी तक पढ़े युवा किसान के अलग आईडिया ने अन्य किसानों को भी पीले तरबूज की ओर खींचा है, क्योंकि अपनी अलग खासियत और स्वाद की वजह से पीला तरबूज लोगों की पहली पसंद है.पीला तरबूज, शरीर के बहुत ही फायदेमंद है, इसमें रस भी बहुत होता है और शरीर को तरोताजा रखने पोषक तत्व भी. वजन कम करने में भी सहायक है. वैसे भी, तरबूज का रंग पीला होने से ये लोगों को नएपन के कारण लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. युवा किसान गोविंद जायसवाल की अलग कोशिश के बाद दूसरे किसानों में अब पीला तरबूज की खेती करने रुचि दिख रही है.
गोविंदा गांव के युवा किसान गोविंद जायसवाल ने नागपुर में पीला तरबूज बेचते देखा और उसके बारे में पताकर उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ से बीज की व्यवस्था की और नए आईडिया के साथ प्रयोग के तौर पर पहली बार आधे एकड़ में पीला तरबूज की खेती की है. इस पीला तरबूज की फसल वैसे ही तो, जैसे लाल तरबूज की होती है. पीला तरबूज का फल भी बाहर से हरा होता है और चकत्तेदार होता है, लेकिन जब इसे काटा जाता है तो इसमें अंदर का पूरा हिस्सा पीला होता है.
किसान गोविंद जायसवाल का कहना है कि इस बार देरी से पीला तरबूज की खेती हुई, इसलिए गर्मी के कारण कुछ दिक्कतें हुई हैं. अगले साल से फसल का रकबा बढ़ाकर जल्दी बोआई की जाएगी, ताकि भरपूर उत्पादन मिल सके. इस साल पहली बार पीला तरबूज की खेती हुई है, उस लिहाज से किसान संतुष्ट है. इतना जरूर है कि गर्मी आने के पहले फसल लगी रहती तो उत्पादन और कई गुना बढ़ जाता.