टेस्ट क्रिकेट के 10 ‘महारिकॉर्ड’ जिन्हें तोड़ पाना है खिलाड़ियों के लिए दूर की कौड़ी, महज 5 घंटे और 53 मिनट में खत्म हो चुका है टेस्ट मैच

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली बेशक, वर्तमान में खराब फॉर्म से जूझ रहे हों, बावजूद इसके एक समय ऐसा था जब वह लगातार रन और शतक जड़ रहे थे. खासकर 2016 से 2019 के बीच उन्होंने ढेरों रन और सेंचुरी जड़ी. बतौर कप्तान विराट कोहली के नाम टेस्ट क्रिकेट में एक यूनिक रिकॉर्ड दर्ज है. विराट ने टेस्ट क्रिकेट में बतौर कप्तान 7 डबल सेंचुरी जड़ी है, जिसे तोड़ पाना किसी भी कप्तान के लिए आसान नहीं है.



मार्क बाउचर की गिनती दुनिया के बेहतरीन विकेटकीपर में की जाती है. वैसे तो दक्षिण अफ्रीका के इस पूर्व विकेटकीपर ने कई रिकॉर्ड बनाए हैं लेकिन एक रिकॉर्ड ऐसा है, जिसे तोड़ पाना वर्तमान के विकेटकीपर के लिए दूर की कौड़ी है. मार्क बाउचर इस समय दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट टीम के हेड कोच हैं. टेस्ट क्रिकेट में बाउचर ने विकेट के पीछे कुल 555 शिकार किए हैं. तीनों फार्मेट की बात करें तो बाउचर ने कुल 999 शिकार किए हैं.

रिकी पोंटिंग (Ricky Ponting) किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. अपनी कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को 2003 और 2007 में विश्व विजेता बनाने वाले इस दिग्गज ने लगातार 2006 और 2009 में चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्जा जमाया.

पोंटिंग की अगुआई में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने कई वर्षों तक टेस्ट क्रिकेट में राज किया. बतौर खिलाड़ी पोंटिंग ने 108 टेस्ट मैच जीते हैं. पोंटिंग के इस रिकॉर्ड को तोड़ पाना किसी भी खिलाड़ी के लिए आसान नहीं होगा.

श्रीलंकाई दिग्गज कुमार संगकारा (Kumar Sangakkara) और माहेला जयवर्धने (Mahela Jayawardene) टीम में ‘संकटमोचक’ की भूमिका निभाने के लिए जाने जाते थे. दोनों के नाम तीसरे विकेट के लिए वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज है.

संगकारा और जयवर्धन ने साल 2006 में कोलंबो टेस्ट मैच में साउथ अफ्रीका के खिलाफ 624 रन की साझेदारी कर विश्व कीर्तिमान बनाया था, जो आज भी अटूट है. पिछले 15 साल से कोई भी बल्लेबाज इस रिकॉर्ड के आसपास भी नहीं पहुंचा है.

भारतीय क्रिकेट टीम के वर्तमान हेड कोच राहुल द्रविड़  ने 1996 से 2012 तक अपने शानदार खेल से कई कीर्तिमान स्थापित किए. उन्हें टीम इंडिया की दीवार कहा जाता था. जब भी टीम मुश्किल में होती थी, तब द्रविड़ दीवार की तरह एक छोर पर खड़े हो जाते थे.

बतौर फील्डर राहुल द्रविड़ ने टेस्ट क्रिकेट के सबसे लंबे फॉर्मेट यानी टेस्ट में सर्वाधिक 210 कैच अपने नाम किए हैं. इस रिकॉर्ड के करीब श्रीलंकाई दिग्गज माहेला जयवर्धने जरूर पहुंचे थे लेकिन वह इसे तोड़ नहीं सके. जयवर्धने के नाम टेस्ट में कुल 205 कैच दर्ज हैं.

टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में वैसे कई मौके ऐसे आए हैं जब खराब मौसम या खतरनाक विकेट की वजह से मैच जल्दी खत्म हो गया. एक मौका ऐसा भी आया जब ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने सभी डिपार्टमेंट में शानदार प्रदर्शन कर टेस्ट मैच को जल्दी अपने नाम कर लिया.

साल 1932 में मेलबर्न में खेले गए टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया ने साउथ अफ्रीका (Australia vs South Africa) की टीम को महज 5 घंटे और 53 मिनट में हरा दिया था. यह क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में खेला गया अब तक का सबसे कम अवधि वाला टेस्ट मैच है. ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 153 रन बनाए थे. जवाब में प्रोटियाज टीम पहली पारी में 36 और दूसरी पारी में 45 रन पर ढेर हो गई.

पाकिस्तान के दिग्गज क्रिकेटर हनीफ मोहम्मद के नाम टेस्ट क्रिकेट में एक यूनिक रिकॉर्ड दर्ज है. हनीफ ने जनवरी 1958 में ब्रिजटाउन में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच में 16 घंटे से ज्यादा समय क्रीज पर बिताकर मुकाबले को ड्रॉ कराने में सफलता हासिल की थी. पाकिस्तान के इस लिटिल मास्टर का यह यह अद्भुत रिकॉर्ड आज भी कायम है.

श्रीलंका के दिग्गज स्पिनर मुथैया मुरलीधरन के नाम इंटरनेशनल क्रिकेट में 1000 से ज्यादा विकेट दर्ज हैं. उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक कुल 800 विकेट अपने नाम किए हैं.

मुरलीधरन के इस रिकॉर्ड के करीब ऑस्ट्रेलिया के दिवंगत लेग स्पिनर शेन वॉर्न पहुंचे थे लेकिन वह इस करिश्माई स्पिनर का रिकॉर्ड नहीं तोड़ सके. मुरलीधरन के इस विश्व रिकॉर्ड को तोड़ना किसी भी गेंदबाज के लिए असंभव है.

नब्बे के दशक में टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाज ब्रायन लारा की तूती बोलती थी. वेस्टइंडजी के इस पूर्व वामहस्त बल्लेबाज ने अप्रैल 2004 में इंग्लैंड के खिलाफ एंटीगा टेस्ट में नाबाद 400 रन की पारी खेली थी. लारा का यह रिकॉर्ड 18 साल से अटूट है. लारा ने इससे पहले 1994 में इंग्लैंड के खिलाफ 375 रन की पारी खेली थी जिसे ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज मैथ्यू हेडन ने जिम्बाब्वे के खिलाफ साल 2003 में 380 रन बनाकर तोड़ दिया था.

ऑस्ट्रेलिया के महानतम बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमेन का टेस्ट क्रिकेट में 99.94 का औसत रहा. यह किसी भी खिलाड़ी द्वारा अबतक क्रिकेट के इतिहास में सबसे अधिक औसत है. वह आखिरी पारी में 0 पर आउट हो गए थे और सिर्फ 4 रन से 100 का औसत हासिल करने से चूक गए थे. ब्रैडमेन के इस शानदार औसत के करीब ऑल टाइम ग्रेट बल्लेबाज भी नहीं पहुंच सके हैं.

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