नई दिल्ली. एक औरत की जिंदगी में मां बनना एक खूबसूरत लम्हा होता है। कभी-कभी किसी कारण से महिलाओं का ये सपना अधूरा रह जाता है। ऐसी महिलाएं जो किसी वजह से मां नहीं बन पाती है ऐस महिलाओं के सपने पूरे करने का काम करते हैं काइल गोर्डी।
दरअसल 31 साल के काइल गोर्डी लॉस एंजिल्स में रहते हैं। अबतक काइल में शादी नहीं की है लेकिन ये 48 बच्चों के पिता बन गये हैं। ऐसे में आप शायद ये सोच रहे होंगे की ये बिना शादी के महिलाओं को मां कैसे बनाते हैं। तो चलिए हम आपको बताते हैं ऐसा कैसे संभव है।
काम के कारण डेट पर नहीं जाती लड़कियां
दरअसल, लॉस एंजिल्स में रहने वाले काइल गोर्डी एक स्पर्म डॉक्टर है। इसी के जरिए काइल बिना शादी के 48 बच्चों के पापा है और इनके 10 बच्चे और होने वाले हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार काइल अपना स्पर्म अकेली मां, लेस्बियन कपल या फिर वैसे कपल्स को डोनेट करते हैं जो स्वस्थ स्पर्म नहीं मिलने की वजह से बच्चा पैदा नहीं कर पा रहे होते हैं।
हालांकि बहुत से लोग काइल के इस काम की सराहना करते हैं तो वहीं कुछ लोग इसे गलत मानते हैं। दरअसल, काइल के इस काम के बारे में जब लड़कियों को पता चलता है तो वो उनसे दूर भागती है। इस कारण कई लड़कियां काइल के साथ डेट पर नहीं जाती हैं।
10 से नहीं किया डेट
एक इंटरव्यू में काइल बताते हैं कि मैंने 10 साल से किसी लड़की को डेट नहीं किया है। उनका कहना है कि मैं लड़कियों को जब अपने काम (स्पर्म डोनर) के बारे में बताता हूं तो इसके बाद वो मुझमें इंटरेस्टेंड नहीं होती हैं।
मेरे काम को सुनकर वो मुझसे दूर चली जाती हैं। वो बताते हैं कि जब लड़कियों को पता चलता है तो मुझसे कहती हैं कि वो इस बात को समझती हैं कि मैं महिलाओं की मदद करता हूं, लेकिन वे किसी ऐसे शख्स के साथ नहीं रहना चाहती हैं जिसके दूसरे महिलाओं के साथ बच्चे हों।
8 साल में 4 दर्जन महिलाओं को किया प्रेग्नेंट
अपने काम के बारे में बताते हुए काइल बताते हैं कि उन्होंने अबतक बहुत सारी महिलाओं को मां बनने का सुख दिया है। साथ ही काइल अपने स्पर्म डोनेशन के काम के बारे में बताते हैं हुए कहते हैं कि ‘8साल पहले एक लेस्बियन कपल ने मुझसे स्पर्म डोनेट करने का अनुरोध किया था।
मैंने किया और उनके बच्चे हो गए। इसके बाद ऑनलाइन रिक्वेस्ट आने लगे और मैं महिलाओं को स्पर्म डोनेट करता हूं। उनकी वजह से 8 सालों से 4 दर्जन महिलाएं मां बन चुकी हैं। काइल स्पर्म किसी बैंक में डोनेट नहीं करते हैं बल्कि सीधे महिलाओं तक पहुंचाते हैं।’