शाकाहारी महिलाओं को इस रोग का रहता है खतरा, जानें कैसे बचाएं खुद को

नई दिल्ली. दुनिया में ऐसे बहुत से लोग हैं, जो मांस खाना पसंद नही करते है। लोग ऐसा मानते हैं कि शाकाहारी भोजन स्वास्थ के लिए लाभकारी होता है। हालांकि हरी सब्जियों से डायबिटीज, दिल की बीमारी और कैंसर के कम रिस्क से जुड़ा हुआ है, लेकिन यह हड्डियों के लिए जोखिम हो सकता है।



एक स्टडी के अनुसार, शाकाहारी महिलाओं में हिप फ्रैक्चर का 33% अधिक जोखिम होता है। शाकाहारियों की हड्डियों में खनिज घनत्व कम होता है और यह महिलाओं पर असमान रूप से असर डालता है।

शाकाहारियों को हिप फ्लेक्सर का खतरा

स्टडी के मुताबिक, नियमित रूप से यानी हफ्ते में 5 बार से ज्यादा बार मांस खाने वालों की तुलना में शाकाहारियों में हिप फ्रैक्चर का खतरा अधिक होता है। शाकाहारियों में बॉडी मास इंडेक्स कम होता है, जबकि कम बीएमआई कई स्वास्थ्य स्थितियों के लिए फायदेमंद होता है।

कम वजन होने से हड्डी और मांसपेशियों का स्वास्थ्य भी खराब हो सकता है। ये दोनों हिप फ्रैक्चर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। शरीर में कम वसा होने का मतलब है कि गिरने के दौरान कम कुशनिंग, जो हिप फ्रैक्चर का एक प्रमुख कारण है।

हिप फ्लेक्सर और स्पाइन एक्सटेंसर मांसपेशियों में कम मांसपेशी द्रव्यमान भी गिरने और कूल्हे के फ्रैक्चर के जोखिम को बढ़ा सकता है, क्योंकि इससे संतुलन बिगड़ने और गिरने की आशंका रहती है।

इन चीजों को करें शामिल

मांस और मछली हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण कई पोषक तत्वों के अच्छे सोर्स हैं। जैसे प्रोटीन, विटामिन बी 12, विटामिन डी, ओमेगा -3 फैटी एसिड, फास्फोरस और जस्ता। हालांकि, इन पोषक तत्वों में से अधिकतर को पौधों के स्रोतों, अंडे और डेयरी उत्पादों से पाना संभव है।

इसलिए शाकाहारियों को इन पोषक तत्वों की मात्रा पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है। आहार के साथ-साथ कई कारक हिप फ्रैक्चर के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं, जैसे- स्मोकिंग न करना और अत्यधिक शराब के सेवन से बचना, साथ ही नियमित रूप से एक्सरसाइज करना।

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