मुंबई. हुमा कुरैशी एक बार फिर महारानी बनकर लौट चुकी है। लेकिन इस बार सत्ता की लड़ाई पहले से ज्यादा खतरनाक और रोमांचक है। ये पहली ऐसी वेब सीरीज होगी जिसका दूसरा सीजन पहले सीजन से भी दो कदम आगे है।रानी भारती अब राजनीति में पुरानी हो चुकी है। घर गृहस्थी के साथ राज काज रानी भारती अच्छे से संभालती है।
तमाम तरह के राजनैतिकि उठापटक के बीच सीएम भारती का फैसला अपने प्रतिद्वंदियों को चौंकाने वाला रहता है। सीएम की कुर्सी पाने के लिए नवीन कुमार हर तरह की चाल चलते है लेकिन रानी भारती तुरुप के इक्के का प्रयोग कर नवीन कुमार की जीत को हार में बदल देती।.
भीमा भारती सीएम की कुर्सी को हथियाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं लेकिन हुमा कुरैशी उनकी हर चाल को नाकाम कर देती है। सीजन 2 के सारे सपोर्टिंग कलाकार राम बाण की तरह काम करते है। वे जब जब आते है कहानी में नया tweest ला देते है। निर्देशक रवींद्र गौतम की इकलौती चूक यहां कहानी के लिए उपयुक्त वातावरण न रच पाना है। कहानी के सारे किरदारों को अगर जूम आउट करके देखें तो इनके आसपास की दुनिया काफी खाली सी लगती है।
रानी भारती पहले अपने गंवईपन की वजह से ताने सुनती रही। पति के जेल जाने पर उसके भाग्य जागे। उसे अपनी भीतरी ताकत का भान हुआ तो लोगों को भी इस बात का ज्ञान हुआ कि जागी हुई महिलाएं क्या कुछ नहीं कर सकतीं। यही वेब सीरीज ‘महारानी’ का तत्व ज्ञान भी है। तमाशा इस बार वहां से खुलता है जहां रानी भारती खुद अपनों के निशाने पर है औऱ चौसर में दांव पर लगा है देश का एक पूरा राज्य।