जांजगीर-चाम्पा. जांजगीर-नैला स्टेशन के पास श्री श्री दुर्गा उत्सव समिति के द्वारा हर साल खास तरीक़े से दुर्गोत्सव मनाया जाता है, जो आकर्षण का केंद्र रहता है और छग के अलावा दूसरे प्रदेशों से भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचते हैं.
इस साल अक्षरधाम मंदिर मॉडल थीम पर 100 फीट ऊंचे और चौड़े पंडाल बनाया जा रहा है, वहीं 20 फीट के स्वर्णकमल में 35 फीट की दुर्गा विराजित होंगी. साथ ही, 20 फीट गोलाई का क्षत्र भी लगेगा. खास बात है कि 35 फीट दुर्गा प्रतिमा मिट्टी की बनाई जा रही है. साथ ही, अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमा भी बन रही है, जो आकर्षण का केंद्र रहेगा. साथ ही, कलकत्ता से लाइटिंग की व्यवस्था की गई है.
मूलतः कलकत्ता के रहने वाले कन्हैया के द्वारा अक्षरधाम मंदिर थीम मॉडल के पंडाल को 2 माह से बनाया जा रहा है, वहीं सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के भटगांव के प्रदीप देवांगन के द्वारा मिट्टी की दुर्गा और अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमा बनाई जा रही है.
कलाकार कन्हैया का कहना है कि वे पहले भी अलग-अलग जगह के मॉडल पर ऐसा पंडाल बना चुके हैं, वहीं मूर्ति बनाने वाले प्रदीप का कहना है कि मिट्टी से पहली बार वे इतनी बड़ी प्रतिमा बना रहे हैं. इतनी बड़ी प्रतिमा थर्मोकोल या दूसरी चीजों से बनाई जाती है.
दुर्गा उत्सव स्मृति के पदाधिकारी राजू पालीवाल ने बताया कि पिछले 15 बरसों से अलग-अलग कोशिश की जा रही है. हर साल नया प्रयोग किया जाता है, जिसकी वजह से नैला-जांजगीर का दुर्गा उत्सव लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रहता है. इस साल भी कुछ अलग किया जा रहा है और लोगों में भी दर्शन को लेकर उत्साह देखा जा रहा है.
इस साल नवरात्रि की तृतीया तिथि से दुर्गा दर्शन किया जा सकेगा. अभी जोर-शोर की तैयारी की जा रही है. पंडाल और मूर्ति को फाइनल टच दिया जा रहा है.
आपको बता दें, श्री श्री दुर्गा उत्सव समिति के द्वारा 10 के सिक्का, चांदी, सोने के सिक्के, चाइनीज डायमंड, कांच समेत अन्य चीजों से दुर्गा प्रतिमा बनाई गई थी, जिसे पिछले बरसों में लोगों ने खूब सराहा था और लाखों लोगों ने दुर्गा प्रतिमा के दर्शन किए थे. इस साथ भी लाखों लोगों के दर्शन करने पहुंचने की उम्मीद है.