इंसान के अंदर का जुनून उससे कुछ भी करवा सकता है. ऐसे ही जुनूनी लोगों ने भारत में बिजनेस को मजबूत किया और अपने व्यापार की ऐसी नींव रखी जिस पर आज अरबों का साम्राज्य खड़ा है. उनके शुरू किये बिजनेस को तो आज हर कोई जानता है लेकिन उन्हें जानने वाले बहुत कम लोग हैं. ऐसा ही एक ब्रांड है TVS. इस टीवीएस ग्रुप से हमारी कई यादें जुड़ी हैं.
आज भी TVS की मोटर बाइक लोगों की पसंदीदा बाइक्स की लिस्ट में शामिल है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी शुरुआत किसने और कैसे की?
आजादी से पहले की TVS की स्थापना
ये कहानी है टीवीएस ग्रुप के संस्थापक टी वी सुन्दरम अयंगर की. एक भारतीय उद्योगपति और ऑटोमोबाइल सेक्टर के बड़े बिज़नेसमैन जिन्होंने 1930 के दशक में तब टीवीएस ग्रुप की शुरुआत की जब मोटर की सवारी आम लोगों के लियी किसी सपने जैसी थी. टी वी सुन्दरम अयंगर ने मदुरै के ग्रामीण क्षेत्र में बस सेवा शुरू की थी. 1911 में उन्होंने ‘टी वी सुन्दरम अयंगर एंड संस’ नाम से एक बस कंपनी की शुरुआत की. आगे चल कर यही कंपनी ऑटोमोबाइल निर्माण के क्षेत्र में एक बहुत बड़ा नाम बनी और ‘टीवीएस ग्रुप’ के नाम से जानी गई. आज ‘टीवीएस ग्रुप’ भारत के बड़े बिज़नेस क्षेत्र में किसी पहचान की मोहताज नहीं है.
पिता के कहने पर बने वकील
22 मार्च 1877 में तमिलनाडु के थिरुनेल्वेली जिले में थिरुक्कुरुन्गुदी में जन्में टीवी सुन्दरम अयंगर का जन्म के पिता चाहते थे कि वह एक सफल वकील बनें. ऐसे में अयंगर ने पिता की बात का मान रखा और वकालत करने के बाद एक वकील के रूप में भी काम किया. हालांकि अयंगर खुद को नौकरी के पाश में नहीं बांधना चाहते थे. उनका सपना था कि वह बिजनेस के आसमान में एक बड़ी और ऊंची उड़ान भरें लेकिन जितना समय नियति ने उनकी नौकरी के लिए तय किया था उन्हें उतना तो पूरा करना ही था. एक वकील होने साथ साथ उन्होंने भारतीय रेलवे में भी काम किया. इतना ही नहीं बल्कि वह एक बैंक कर्मचारी भी रहे.
नौकरी छोड़ शुरू किया बिजनेस
जिस शख्स का दिल बचपन से व्यापार पर टिका हो उसे भला नौकरी में खुशी कहां से मिलती. उनका परिवार भले ही उनकी नौकरियों से खुश हो लेकिन वह कुछ बड़ा करना चाहते थे. आखिर वह समय आ ही गया जब उन्होंने खुद को नौकरी के बंधन से आजाद करते हुए अपने मन का काम किया और अपने बिज़नेस की शुरुआत कर दी.
ये साल 1911 में था, देश की हवा तक अंग्रेजों की गुलाम थी. भारतीयों को आगे बढ़ने की मौके ना के बराबर मिल रहे थे. जो भारतीय सरकारी नौकरियों में होते हुए अंग्रेजों के अधीन काम कर रहे थे केवल वही कुछ आगे बढ़ रहे थे. ऐसे में सरकारी नौकरी छोड़ कर बिजनेस में कदम रखना बेहद जोखिम भरा काम था लेकिन टीवी सुन्दरम ने ये जोखिम उठाया और मोटर परिवहन बिज़नेस में कदम रखा. इसी साल उन्होंने ‘टी वी सुन्दरम अयंगर एंड संस’ की स्थापना की.
ग्रामीण क्षेत्रों में शुरू की बस सेवा
अयंगर ने हमेशा से एक सपना देखा था कि वह मदुरै के ग्रामीण क्षेत्रों में बस सेवा शुरू करेंगे, जिससे कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बस की सुविधा मिल सके. आज भी भारत के कई ग्रामीण क्षेत्रों में बस सेवा नहीं है, ऐसे में उस समय ये सोच एक सपने जैसी थी लेकिन अयंगर ने इस सपने को सच कर दिखाया और मदुरै शहर से बस सेवा शुरू की. टीवी सुंदरम अयंगर की इसी कंपनी ने आगे ऑटो सेक्टर में ‘टीवीएस ग्रुप’ के नाम से बड़ी सफलता हासिल की.
अयंगर सिर्फ बस सेवा तक ही नहीं रुके, बल्कि उन्होंने समय की मांग के साथ बिजनेस को भी बढ़ाया. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान मद्रास प्रेसीडेंसी में पेट्रोल की भारी कमी के कारण इसकी बहुत मांग बाढ़ गई. ऐसे में सुन्दरम ने टीवीएस गैस प्लांट की शुरुआत की. इसके बाद उन्होंने ‘मद्रास ऑटो सर्विस लिमिटेड’ और ‘सुंदरम मोटर्स लिमिटेड’ के साथ-साथ रबर रिट्रेडिंग के कारखाने भी लगाए.
विधवा बेटी की करवाई थी शादी
Remembering Dr T.S. Soundaram daughter of T.V. Sundaram Iyengar, founder of TVS on her birth anniversary.
Actually, She should be represented as women & social reformer icon by Tamil Nadu, not E.V Ramasamy..!
Here’s why..? pic.twitter.com/fPgdYOU1Fj
— KY (@kyyadhu) August 18, 2019
टीवी सुंदरम केवल एक सफल बिज़नेसमैन ही नहीं थे बल्कि इसके साथ साथ ही वह कला के संरक्षक और विचारक भी थे. जिस दौर में विधवा की जिंदगी बेरंग कर दी जाती थी, दोबारा अपना जीवन शुरू करने का अधिकार उससे छीन लिया जाता था, उस दौर में टीवी सुंदरम ने गांधीजी ही के कहने पर अपनी विधवा बेटी टी एस सौन्दरम की दोबारा शादी करवाई थी. उनके इस कार्य की हर तरफ प्रशंसा हुई. टीवी सुंदरम ने सत्ता का लालच भी नहीं रखा. उन्होंने अपने बिजनेस को ऊंचाइयों तक पहुंचा कर अपना सपना पूरा किया और फिर सही समय पर बिज़नेस की बागडोर अपने बेटों को दी. उनके इस फैसले की भी बड़े स्तर पर प्रशंसा हुई थी.
खड़ा किया TVS साम्राज्य
TVS Group History
In the early 1930s, selling cars to rich zamindars in southern Tamil Nadu wasn’t easy. They preferred horse-drawn carts. T.V. Sundaram Iyengar & Sons, or TVS & Sons, which had bagged a General Motors dealership, decided to drive its message home quite literally
— Aditya Kondawar (@aditya_kondawar) July 17, 2020
एक सामान्य परिवार में जन्मे टीवी सुंदरम अयंगर, जिन्होंने वकालत से अपना करियर शुरू किया और फिर रेलवे और बैंक में सरकारी नौकरियां कीं. उनके लिए बिजनेस के क्षेत्र में आना और ‘टीवीएस ग्रुप’ जैसे बिजनेस साम्राज्य को शुरू करना किसी काल्पनिक कहानी जैसा लगता है. आज टीवी सुंदरम द्वारा शुरू किये गए टीवीएस ग्रुप में 40000 से ज्यादा लोगों को काम मिला है.
इसका व्यापार सिर्फ ऑटोमोबाइल सेक्टर में ही नहीं बल्कि आईटी सेवाओं और कंसल्टेंसी के क्षेत्र में भी फैला हुआ है. रिपोर्ट्स के अनुसार, 2018-19 में टीवीएस ग्रुप का रेवेन्यू लगभग 20,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर था.
अपने व्यापार को मजबूती दे कर टीवी सुन्दरम अयंगर 78 साल की उम्र में 28 अप्रैल, 1955 को कोडाईकनाल में इस दुनिया को अलविदा कह गए. लेकिन उन्होंने जो नींव रखी, उस पर इतना बड़ा साम्राज्य खड़ा हो चुका है जो कई साल तक अपने नाम के साथ उन्हें जीवित रखेगा