एक तरफ मेसी के लिए अभी नहीं तो कभी नहीं वाली स्थिति है। इस फाइनल के साथ यह भी तय हो जाएगा कि मेसी आखिरकार खेल के महानतम खिलाड़ियों की फेहरिस्त में पेले और डिएगो माराडोना की जमात में शामिल हो पाएंगे या नहीं।
कइयों के लिए मेसी का करियर इससे भी परिभाषित होगा कि 35 साल की उम्र में आखिरकार वह अपनी टीम को फुटबॉल के इस महासमर की ट्रॉफी दिला पाएंगे या नहीं जो उनके करियर में चार चांद लगा देगी।
हालांकि उनके रास्ते में डिफेंडिंग चैंपियन फ्रांस की टीम और उसका स्टार फुटबॉलर किलियान एम्बाप्पे खड़ा है। आठ साल पहले मेसी 2014 के फाइनल में जर्मनी से मिली 0-1 की हार के बाद टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का ‘गोल्डन बूट’ पुरस्कार जीता था। इस बार वह निश्चित रूप से इसके बजाय 18 कैरट के सोने से बनी ट्रॉफी उठाना चाहेंगे ताकि वह अपने करियर का समापन इस तरह करें जैसा किसी और ने नहीं किया हो। जीते कोई भी लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि खेल की सबसे प्रतिष्ठित ट्रॉफी के लिए यह मुकाबला कांटे का होने जा रहा है। अर्जेंटीना व फ्रांस अपने प्रदर्शन से दुनिया हिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेंगे।
क्या है सुपर कंप्यूटर का अनुमान
पिछली बार की चैंपियन फ्रांस को वर्ल्ड कप की शुरुआत के पहले ही बड़ा झटका लगा था जब उसके स्टार स्ट्राइकर करीम बेंजेमा चोटिल होने के कारण इस टूर्नामेंट से बाहर हो गए थे। लेकिन कोच डिडिए दिशौं ने टूर्नामेंट से पहले पॉल पोग्बा, एनगोलो कांटे, प्रेसेनल किम्पेम्बे और करीम बेंजेमा जैसे अहम खिलाड़ियों के बाहर होने के बावजूद फ्रांस के प्रदर्शन का स्तर ऊंचा बनाए रखा। फ्रांस ने बताया कि उनके पास अपार अनुभव है और अपना सर्वश्रेष्ठ खेल नहीं दिखाने के बावजूद जीत दर्ज करने की काबिलियत है।
हालांकि पिछले वर्ल्ड कप फाइनल की तरह इस बार के फाइनल में उनकी भी राह आसान नहीं होने वाली। खेल के आंकड़ों का विश्लेषण करने वीला एक कंपनी ने अपने सुपर कंप्यूटर के जरिए फाइनल का जो अनुमानित आंकड़ा निकाला है उसके मुताबिक कांटे की टक्कर होना तय है।
सुपर कंप्यूटर ने मुकाबले में अर्जेंटीना का पलड़ा 0.1 प्रतिशत फ्रांस से भारी ही बताया है। उसके अनुसार मुकाबले में अर्जेंटीना की जीत की उम्मीद 35.1 प्रतिशत है जबकि फ्रांस की टीम की जीत की उम्मीद 35 प्रतिशत है। 29.1 प्रतिशत उम्मीद मुकाबले के ड्रॉ रहने की है। इसका मतलब है कि फैसला पेनल्टी शूटआउट के जरिए हो सकता है।