कई बार ग्रीन नारियल को देख कर बच्चों के दिमाग में यह सवाल आ जाता है कि नारियल में पानी कहां से आता है. तब पेरेंट्स उनके इस सवाल को टाल देते हैं, लेकिन ये वाकई में जानने लायक बात है कि आखिर इतने ठोस और पेड़ पर भी इतनी ऊंचाई पर लगने वाले नारियल में आखिर पानी आता कहां से है.
असल में नारियल में जो पानी होता है वो पोधे का Endosperm वाला भाग होता है जो भ्रूण के Angiosperm में विकास के समय और Fertilasation के बाद एंडोस्पर्म Nucleus में बदल जाता है.
कच्चे हरे नारियल में जो एंडोस्पर्म होता है वो Nuclear type होता है और रंगहीन तरल के रूप में होता है, जिसमें अनेको Nuclei तैरते रहते हैं.
नारियल का पेड़ जमीन का पानी अपनी जड़ों के जरीए नारियल के अंदर पहुंचाता है. बाद में नारियल के भीतर भरा यही पानी Nuclei सेल्स के साथ मिल कर चारों तरफ जमता चला जाता है.
कुछ समय बाद यह एक सफेद मोटी परत के रूप में नारियल के अंदर जम जाता है और अंत में नारियल गिरी बन जाता है. इसमें पोटेशियम और मैग्नीशियम प्रचुर मात्रा में होते हैं.