दिल्ली. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने कुछ नियमों में बदलाव कर दिया है। अब एसबीआई के क्रेडिट कार्ड (SBI Card) से किराये का पेमेंट करने पर ग्राहकों को अधिक पैसा देना होगा। बैंक की और से भेजे गए एसएमएस के अनुसार, जो ग्राहक क्रेडिट कार्ड के माध्यम से अपने किराए का भुगतान कर रहे थे, उनसे 99 रुपये और लागू करों के बजाय अब 199 रुपये और टैक्स वसूल किया जाएगा।
एसबीआई कार्ड SBI Credit Card 17 मार्च से किराए के भुगतान पर प्रोसेसिंग फीस में बढ़ोतरी कर रहा है। ग्राहकों को भेजे गए एक एसएमएस के अनुसार, ‘जो ग्राहक क्रेडिट कार्ड के माध्यम से अपने किराए का भुगतान कर रहे थे, 17 मार्च 2023 से उनसे 199 रुपये वसूल किए जाएंगे। एसबीआई क्रेडिट कार्ड से किराये के भुगतान के लेनदेन पर शुल्क में संशोधन किया जा रहा है।
SBI ने बढ़ाया शुल्क
नवंबर 2022 में SBI कार्ड ने क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके किए गए किराये के भुगतान पर प्रोसेसिंग फीस को 18 प्रतिशत की दर से बढ़ाते हुए 99 रुपये प्लस GST कर दिया था। इसके बाद ग्राहकों को अधिक शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा।
इन बैंकों ने भी बढ़ाया है रेट
आईसीआईसीआई बैंक ने भी अपने ग्राहकों से 20 अक्टूबर, 2022 से किराए के भुगतान के लिए शुल्क के रूप में 1 प्रतिशत शुल्क का भुगतान करने के लिए कहा था। यह उन कार्डधारकों के लिए था, जो अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग क्रेड, रेडजिराफ, मायगेट, पेटीएम जैसे प्लेटफार्मों के माध्यम से घर के किराये का भुगतान करने के लिए करते हैं।
एचडीएफसी बैंक ने किराये के भुगतान पर अपने रिवार्ड्स पॉइंट्स में बदलाव कर दिया है। बैंक कैलेंडर माह के दूसरे किराये के लेनदेन से शुरू होने वाली कुल लेन-देन राशि पर 1 प्रतिशत का शुल्क वसूल करता है।
कोटक महिंद्रा बैंक ने 15 फरवरी, 2023 से कुछ शर्तों के तहत लेन-देन राशि का 1 प्रतिशत और GST चार्ज करना शुरू कर दिया है।
बैंक ऑफ बड़ौदा सभी तरह के किराये के भुगतान पर कुल लेन-देन का 1 प्रतिशत शुल्क लेता है।
क्रेडिट कार्ड से किराये का भुगतान करने के नुकसान
क्रेडिट स्कोर के साथ किराये का भुगतान करने से क्रेडिट उपयोग बढ़ता है, यह क्रेडिट स्कोर को प्रभावित कर सकता है।
यदि क्रेडिट कार्ड बिल का पूरा भुगतान नहीं किया जाता है, तो बकाया राशि पर ब्याज लगाया जाता है।
यदि किराए का भुगतान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किया जाता है तो बैंक आम तौर पर प्रोसेसिंग शुल्क लेते हैं। इसलिए, उपभोक्ताओं को अधिक राशि का भुगतान करना पड़ता है।