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Bhopal Gas Tragedy : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को लगाई फटकार, कहा, ‘केंद्र इस मामले में दखल न दें’

नई दिल्ली. भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने आज भोपाल गैस त्रासदी में मामले में मिलने वाले मुआवजे को लेकर पीड़ितों को बड़ा झटका दिया है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को मुआवजे दिलाने वाली केंद्र की क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर दिया है. आपको बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को यूनियन कार्बाइड कंपनी से 7400 करोड़ के अतिरिक्त मुआवजे दिलाने वाली केंद्र की क्यूरेटिव याचिका को खारिज कर दिया.



ANI की रिपोर्ट में बताया गया कि ‘सुप्रीम कोर्ट ने 1984 की भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए यूएस-आधारित फर्म यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन, जो अब डॉव केमिकल्स के स्वामित्व में है, के मुआवजे के लिए केंद्र की उपचारात्मक याचिका को खारिज कर दिया.’

1984 के भोपाल गैस त्रासदी में पीड़ितों के लिए मुआवजे मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुनाया है. गैस त्रासदी पीड़ितों का मुआवजा बढ़ाने की केंद्र की क्यूरेटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. बता दें सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की क्यूरेटिव याचिका पर दखल देने से इंकार किया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र को इस मामले में पहले आना चाहिए था न कि तीन दशक के बाद.

बता दें केंद्र सरकार ने क्यूरेटिव याचिका में यू नियन कार्बाइड के साथ अपने समझौते को फिर से खोलने की मांग की थी. भोपाल गैस पीड़ितों को 7400 करोड़ रुपए का अतिरिक्त मुआवजा दिलवाने के लिए केंद्र सरकार ने क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थी. कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार भारतीय रिज़र्व बैंक के पास मौजूद 50 करोड़ रुपए का उपयोग लंबित दावों को मुआवजा देने के लिए करे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समझौते को सिर्फ फ्रॉड के आधार पर रद्द किया जा सकता है. केंद्र सरकार की तरफ से समझौते में फ्रॉड को लेकर कोई दलील नहीं गई. ,

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