जांजगीर-चाम्पा. भगवान को प्रेम भाव से जीता जा सकता है। चुंकि भगवान तो भाव के भूखे हैं। शबरी ने भगवान को प्रेम भाव से ही जीती थीं।
उक्त बातें यादव समाज के द्वारा चाम्पा क्षेत्र के ग्राम उच्चभिट्ठी में आयोजित श्रीमद भागवत कथा में कथावाचक पंडित प्रेमशंकर चौबे ने जड़ भरत की कथा का वर्णन करते हुए कहा। उन्होंने आगे कहा कि विधि की विधान को आज तक किसी ने नहीं टाल सका है और न ही इसे टाल सकता है। जो पूरे विश्व का भरण पोषण करता है। उसे ही भरत कहते हैं। मरण के समय भगवान का याद बिल्कुल ही नहीं आता है। चूंकि मन,माया से ग्रसित हो जाता है। कथावाचक पंडित प्रेमशंकर चौबे ने भक्ति और आसक्ति का विस्तारपूर्वक वर्णन किया।
कथा सुनने वालों में मुख्य यजमान उच्चभिट्ठी के प्रतिष्ठित नागरिक भुरूलाल यादव, खिखबाई यादव, सरजू यादव, सरपंच उमेंदा यादव, प्यारे यादव, सीताबाई यादव, रजनी यादव, शंकर यादव, डॉ संतोष यादव, रामगोपाल यादव, जितेंद्र कुमार यादव, दीनदयाल यादव, पुष्पा यादव, रामभरोस यादव, नरहर सिंह कंवर, बहरताराम यादव, अमृतलाल यादव, सौखीलाल यादव, राधेलाल यादव, समेत अंचल के लोग उपस्थित हुए।