इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी आनी आईआईटी का नाम सुनते ही हर भारतीय के मन में एक अलग भाव पैदा होता है. आजादी के बाद देश में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अध्ययन के लिए इन बेहतरीन संस्थानों को बनाया गया. लेकिन, दुनिया में हमारे आईआईटी से भी काफी पुराने व बेहतरीन संस्थान और भी हैं. अपने देश में 1950 के दशक में आईआईटी की स्थापना शुरू हुई. इसे अमेरिका के मेस्साच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) की तर्ज पर विकसित किया गया. मगर, हम आज इस एमआईटी की बात नहीं कर रहे हैं. एक दौर में अमेरिका के कट्टर दुश्मन रहे एक अन्य देश में भी एक ऐसा ही बेहतरीन संस्थान बना था. इसे आज से करीब 155 साल पहले 1868 में बनाया गया था. यह संस्थान आज भी दुनिया के लिए बेहतरीन इंजीनियर्स पैदा करता है. इस संस्थान में हर साल करीब 50 हजार छात्र दाखिला लेते हैं. लेकिन, सबसे बड़ी बात यह है कि इस संस्थान में दाखिले के लिए कोई JEE मेन या एडवांस जैसा टेस्ट नहीं होता, न ही यहां पढ़ने वाले छात्रों को कोई फीस देनी होती है. यानी यहां पढ़ाई करना फ्री है.
18 छात्रों-प्रोफेसरों को नोबेल प्राइज
हम बात कर रहे हैं टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिख (Technical University of Munich) की. यह इंजीनियरिंग के लिए मक्का कहलाने वाले देश जर्मनी की एक सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी है. यहां आज लाख की संख्या में छात्र अलग-अलग विषयों की पढ़ाई कर रहे हैं. आप इस इंजीनियरिंग कॉलेज की प्रतिष्ठा का अनुमान इसी से लगा सकते हैं कि यहां के 18 छात्रों और प्रोफेसरों को अलग-अलग शोध कार्य के लिए नोबेल पुरस्कार मिल चुका है. यह यूरोप का एक सबसे प्रतिष्ठित संस्थान है. यह जर्मनी का नंबर वन इंजीनियरिंग संस्थान है.
दुनिया का शीर्ष संस्थान
टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिख दुनिया के शीर्ष यूनिवर्सिटीज में शामिल है. टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड यूनिवर्सिटी की रैंकिंग में यह 30वें पायदान पर है. ग्लोबल यूनिवर्सिटी की एक रैंकिंग में इसे 49वां पोजिशन दिया गया है. विषय के हिसाब से देखें तो कंप्यूटर साइंस में यह दुनिया का 10वां सबसे बेहतर संस्थान है. इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी में यह 20वें पायदान पर है. वर्ल्ड रैंकिंग में फिजिकल साइंस में 23वें, बिजनेस इकनॉमिक में 33वें और लाइफ साइंसेज में यह संस्था 35 पायदान पर है.
41 फीसदी छात्र विदेशी
एक रिपोर्ट के मुताबिक इस संस्थान में 2022-23 के सेशन में 50,484 छात्रों ने दाखिला लिया. इसमें से 41 फीसदी छात्र विदेशी हैं. बैचलर प्रोग्राम में 22300 और मास्टर प्रोग्राम में 22400 छात्रों ने दाखिला लिया. इसके अलावे अन्य प्रोग्राम में भी हजारों बच्चों का नामांकन हुआ. इस यूनिवर्सिटी में 180 से अधिक प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं.
ऐसे होता है दाखिला
इस इंस्टीट्यूट में दाखिला के लिए छात्रों को इंग्लिश प्रोफिसिएंसी टेस्ट पास करना होता है. इसमें TOEFL, IELTS जैसे टेस्ट के स्कोर कंशिडर किए जाते हैं. इसके साथ ही आपको यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक आवेदन करने वाले करीब 8 फीसदी छात्रों को इस प्रतिष्ठित संस्थान में दाखिला मिल जाता है. आवेदन थोड़ा जटिल होता है और आपको इसमें बहुत सारी जानकारियां देनी होती है. आपको एडमिशन के लिए कोई टेस्ट नहीं देना होता है.
शून्य ट्यूशन फीस
टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिख में न केवल जर्मन बल्कि विदेशी छात्रों को भी कोई ट्यूशन फीस नहीं देना होता है. यह एक पब्लिक यूनवर्सिटी है. यहां पढ़ने वाले छात्रों को स्टूडेंट यूनियन फीस और कुछ अन्य तरह के शुल्क जैसे सेमेंटर फीस देने पड़ते हैं जो बेहद मामूली होते हैं. इस यूनिवर्सिटी के छह कैंपस हैं. जबकि आज की तारीख में अपने यहां आईआईटी में भी पढ़ने के लिए लाखों में फीस भरनी पड़ती हैं.