जांजगीर-चाम्पा. पामगढ़ ब्लॉक के धरदेई के सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव अंततः पारित हो गया. साल भर पहले भी सरपंच अश्वनी कुमार सुमन के विरुद्ध पंचों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था, मगर वह प्रस्ताव ध्वस्त हो गया था, लेकिन इस बार सरपंच अश्वनी कुमार सुमन को कुर्सी गंवानी पड़ी. हफ्ते भर पहले अविश्वास प्रस्ताव के लिए तिथि तय हुई थी, जो तहसीलदार के नहीं पहुंचने से टल गई थी, लेकिन इस बार 18 पंचों ने सरपंच के खिलाफ मतदान किया.
पंचों का आरोप था कि सरपंच के द्वारा दुर्व्यवहार किया जाता था और पंचायत के कामकाज में मनमानी की जाती थी. अविश्वस प्रस्ताव के सम्मिलन के मौके पामगढ़ तहसीलदार अश्विनी चन्द्रा, राहौद के नायब तहसीलदार विभोर यादव और शिवरीनारायण टीआई विवेक पांडेय मौजूद थे.
आपको बता दें, धरदेई गांव के सरपंच अश्वनी कुमार सुमन के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. पंचायत के 18 पंचों ने सरपंच के विरुद्ध पामगढ़ SDM को अविश्वास प्रस्ताव की सूचना दी थी. इस पर SDM ने विशेष तिथि निर्धारित की और तहसीलदार की उपस्थिति में विशेष सम्मिलन शुरू हुआ. 20 सदस्यीय पंचायत में एक पंच की मृत्यु हो गई है.
ऐसे में 18 पंच उपस्थित हुए, जबकि सरपंच अनुपस्थित था. अविश्वास प्रस्ताव पर जब कार्रवाई शुरू हुई तो अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में सभी 18 पंचों ने वोट दिया, जबकि प्रस्ताव के विरोध में एक भी वोट नहीं पड़े. इस तरह सरपंच के विरुद्ध लाया गया अविश्वास प्रस्ताव एकतरफा पारित हो गया और सरपंच की कुर्सी चली गई.
पंचों का आरोप था कि सरपंच के द्वारा सही व्यवहार नहीं किया जाता था. पंचायत की राशि का हिसाब मांगने पर दुर्व्यवहार किया जाता था. साथ ही, मनरेगा के कार्यों में रुचि नहीं ली जाती थी. पंचायत में अपने हिसाब से काम किया जाता था और पंचों को विश्वास में नहीं लिया जाता था. कई कार्य को अपने लाभ के लिए चहेतों को दे दिया था.