नई दिल्ली. सांस लेने में फेफड़े ही हमारी मदद करते हैं। अगर किसी वजह से शरीर का यह हिस्सा कमजोर पड़ जाए, तो इससे व्यक्ति की जिंदगी खतरे में पड़ जाती है। बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण आजकल भारत सहित पूरी दुनिया में फेफड़े के कैंसर की समस्या तेजी से बढ़ रही है। खासतौर से कोविड के बाद तो ऐसे मामले तेजी से बढ़ रहे हैं क्योंकि लोगों के फेफड़ों पर संक्रमण का इतना गहरा असर पड़ा है कि इसकी वजह से वो बीमार होने लगे हैं। यह स्थिति वाकई चिंताजनक है, तो इसे हेल्दी रखने के लिए क्या करें, इस पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।
कैरोटीनॉयड
यह एक ऐसा एंटीऑक्सीडेंट तत्व है, जो व्यक्ति को अस्थमा और लंग्स के खतरे से बचाता है। अगर नियमित रूप से गाजर, ब्रॉक्ली, शकरकंद, टमाटर और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन किया जाए, तो इस तत्व की पूर्ति आसानी से हो जाती है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड
यह केवल ब्रेन के लिए ही नहीं, बल्कि फेफड़ों की सेहत के लिए भी फायदेमंद साबित होता है। इसके लिए मछली, ड्राई फ्रूट्स और अलसी को अपनी डाइट में प्रमुखता से शामिल करना चाहिए।
फोलेट युक्त खाद्य पदार्थ
मसूर की दाल, पालक, मेथी और बथुआ जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों फोलेट से भरपूर होती हैं इसलिए इन चीज़ों का नियमित रूप से सेवन करें।
विटामिन सी
विटामिन सी से भरपूर खट्टे फलों में पर्याप्त मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट तत्व होते हैं, जो सांस लेते समय शरीर के अन्य हिस्सों को ऑक्सीजन प्रदान करने में मदद करते हैं। इसके लिए संतरा, नींबू, टमाटर, कीवी, स्ट्रॉबेरी और अंगूर जैसे फलों को अपने भोजन में प्रमुखता से शामिल करें।
एलिसिन
लहसुन में मौजूद एलिसिन नामक तत्व फेफड़ों की सूजन को घटाता है और इन्फेक्शन से लड़ने में मददगार होता है।
लेवोनॉयड
यह एंटीऑक्सीडेंट तत्व फेफड़ों से कार्सिनोजेन नामक नुकसानदेह तत्व को हटाता है, जो इन्फेक्शन के लिए जिम्मेदार माना जाता है। सेब और अनार इसके सबसे अच्छे स्त्रोत होते हैं।
करक्यूमिन
हल्दी में मौजूद यह तत्व फेफड़ों को मजबूत बनाता है और अस्थमा के मरीजों को राहत देता है। दूध के साथ कच्ची हल्दी का सेवन फायदेमंद होता है।