Ramayan Facts: रामानंद सागर की ‘रामायण’ के ये 10 फैक्ट्स उड़ा देंगे होश, लिम्का बुक में दर्ज है नाम… जानें

नई दिल्ली. ओम राउत की ‘आदिपुरुष’ पर मचे बवाल के बीच एक बार फिर रामानंद सागर के सीरियल ‘रामायण’ की चर्चा हो रही है। प्रभास और कृति सेनन स्टारर इस फिल्म को महर्षि वाल्मीकि की ‘रामायण’ से प्रेरित बताया गया। लेकिन मेकर्स ने जिस तरह से फिल्म में राम, सीता, हनुमान और रावण समेत अन्य कलाकारों की वेशभूषा दिखाई, जिस तरह का वीएफएक्स बनाया और डायलॉग लिखे, उसकी हर तरफ आलोचना होने लगी। ‘आदिपुरुष’ में हनुमान जी के मुंह से ‘तेल तेरे बाप का’ जैसे डायलॉग सुनकर लोगों का खून खौल उठा। देशभर में फिल्म की आलोचना हो रही है। यहां तक कि रामानंद सागर की ‘रामायण’ में राम, सीता और लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले एक्टरों ने भी नाराजगी जाहिर की। खुद रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने भी फिल्म के संवाद पर तिखी टिप्पणी दी।



Prem Sagar प्रेम सागर ने कुछ समय पहले हमारे सहयोगी ईटाइम्स से बातचीत में बताया था कि उनके पिता ने उनसे कहा था कि कोई भी अगले 85 साल तक ऐसी ‘रामायण’ नहीं बना पाएगा, जैसी उन्होंने बनाई थी। हो भी ऐसा ही रहा है। Ramanand Sagar की Ramayan के बाद न जाने कितने वर्जन आए, पर सब पिट गए। और अब Adipurush में रामायण का वर्जन देख हर कोई निराश है। टेकनॉलजी और हाइली एडवांस्ड वीएफएक्स के दौर में भी ‘आदिपुरुष’ इस लेवल पर खरी नहीं उतर पाई, जबकि रामानंद सागर ने ‘रामायण’ के वीएफएक्स की शूटिंग खूब जुगाड़ लगाए थे। उन्होंने यह सीरियल वाल्मीकि रामायण और तुलसीदास द्वारा रची गई रामचरितमानस के आधार पर बनाया था। इसे बनाने से पहले भगवान राम के किरदार को समझा। उन्होंने रामायण के कई वर्जन पढ़ने के बाद क्रिएटिव फ्रीडम यूज की, पर तथ्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं की थी। WoW स्पेशल सीरीज में हम आपको उनके सीरियल ‘रामायण’ से जुड़े कुछ ऐसे मजेदार फैक्ट्स बता रहे हैं, जो हैरान कर देंगे

1. रामानंद सागर के ‘रामायण’ सीरियल को पहली बार 1987-1988 में टेलिकास्ट किया गया था। इसे तब 55 देशों में टेलिकास्ट किया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, तब ‘रामायण’ को 65 करोड़ लोगों ने देखा था।

2. ‘रामायण’ जब टेलिकास्ट हुई तो इसने प्रति एपिसोड 40 लाख रुपये कमाए थे, जबकि इसके एक एपिसोड का बजट 9 लाख रुपये था।

3. ‘रामायण’ में राम-रावण से लेकर लक्ष्मण-मेघनाद और कुंभकर्ण के बीच युद्ध के काफी सीन थे। इन सीन को रामानंद सागर ने जुगाड़ से फिल्माया था। चूंकि उस वक्त स्पेशल इफेक्ट या वीएफएक्स के लिए कोई कंप्यूटर या मशीन नहीं थी, इसलिए वह सीन शूट के दौरान ही कैमरे में स्पेशल इफेक्ट डाल देते थे। सुबह का कोहरा दिखाने के लिए कैमरे के आगे अगरबत्ती और धूप से धुआं किया जाता। जब ग्रह और पहाड़ दिखाने होते तो कैमरे के सामने उनके छोटे चित्र बनाकर रखे जाते और तब शूट होता।

4. ‘रामायण’ के लिए पहाड़ से लेकर ग्रहों तक के स्पेशल इफेक्ट्स के लिए SEG 2000 नाम की मशीन यूज की गई थी। इसी के जरिए तीर-धनुष और युद्ध वाले सीन क्रिएट किए गए थे।

5. ‘रामायण’ इंडिया का एकमात्र टीवी सीरियल रहा, जिसका टेलिकास्ट टाइम 45 मिनट का होता था। तब इस सीरियल को करीब 99 फीसदी लोग देखते है। जब इसका टेलिकास्ट दूरदर्शन पर किया जाता तो गलियां और सड़कें सुनसान हो जाती थीं।

6. कोरोना के खतरे को देखते हुए जब 21 दिनों के लॉकडाउन में ‘रामायण’ को एक बार टीवी पर प्रसारित किया गया, तो इसने वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया था। 16 अप्रैल 2020 को ‘रामायण’ का जो एपिसोड टेलिकास्ट किया गया था, उसे करीब 7.7 करोड़ लोगों ने देखा था। यह एक वर्ल्ड रिकॉर्ड था।

7. आपको जानकर हैरानी होगी कि ‘रामायण’ को जून 2003 में ‘सबसे ज्यादा देखा जाने वाला माइथोलॉजिकल सीरियल इन द वर्ल्ड’ के तौर पर लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया था।

8. रामानंद सागर ने ‘रामायण’ सीरियल की शूटिंग मुंबई से करीब 16 किलोमीटर दूर उमरगांव में की थी। इस जगह को खास तौर से इसी के शूट के लिए किराए पर लिया गया था।

9. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ‘रामायण’ की शूटिंग करीब 550 दिनों तक चली थी। कई कलाकार उमरगांव में ही रुके थे। किसी दिन अगर शूट के लिए कलाकारों की कमी पड़ जाती, तो आसपास के इलाके में ढोल-नगाड़ों से घोषणा करवाई जाती। इस सीरियल के शूट में कई आम लोग भी शामिल थे। ‘रामायण’ में त्रिजटा का किरदार भी किसी एक्ट्रेस से नहीं बल्कि एक आम महिला ने निभाया था, जोकि गुजरात के सूरत की रहने वाली थी। उनका नाम विभूति परेश चंद्र दवे था।

10. क्या आप जानते हैं कि रामानंद सागर ने ‘रामायण’ के एक सीन में एक कोए से भी एक्टिंग करवा ली थी? दरअसल एक किस्सा है कि जब भगवान शिव, पार्वती को एक कथा सुना रहे थे तो कागभुसुंडि ने चुपके से कथा सुन ली। इसे उन्होंने अपने पंछियों को सुनाया था, जिसके बाद यह तुलसीदास जी तक पहुंची।

प्रेम सागर ने इस बारे में बताया था। उन्होंने कहा था कि रामायण में एक सीन था, जिसमें एक छोटा बच्चा रोटी के लिए रो रहा है और मां को पुकार रहा है। वहां कागभुसुंडि हैं, जो सोच रहे हैं कि यह बच्चा अपनी रोटी भी नहीं बचा पा रहा है। प्रेम सागर के मुताबिक, उनके पिता ने इस सीन को शूट करने के लिए पूरी यूनिट को कौआ पकड़ने के काम पर लगा दिया।

जैसे-तैसे 4 कौए ही पकड़े गए, लेकिन उनमें से तीन सुबह तक उड़ गए। ऐसे में रामानंद सागर परेशान हो गए। तब उन्होंने शूट के लिए पूरी सेटिंग की, कैमरा लगाया और कौए के सामने हाथ जोड़कर खड़े हो गए। रामानंद सागर ने कौए से कहा कि वह संकट में हैं, मदद करें नहीं तो करोड़ों का नुकसान हो जाएगा।

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