पुलिस के मुताबिक जीई रोड स्थित कोटक महिंद्रा बैंक में डायरेक्ट मार्केटिंग एजेंट अनिल सिंह भदौरिया और दिलीप सिंह आपरेशन टीम के रिलेशनशिप मैनेजर के रूप में पदस्थ थे। दोनों ने अगस्त 2022 से नवंबर 2022 के बीच 15 लोगों को अलग-अलग कुल 4 करोड़ 16 लाख 79 हजार 514 रुपए का वाहन लोन बांटा था। सभी को सेकंड वाहन खरीदने के लिए लोन दिया गया था।
इसके बदले में उनके वाहन के दस्तावेज बैंक में बंधक थे। लोन लेने वालों ने समय पर किस्त जमा नहीं किया, तो सभी को 5 जनवरी 2023 को नोटिस जारी किया गया। नोटिस के बाद भी किस्त जमा नहीं हुई और न ही जवाब आया। इससे बैंक अधिकारियों का संदेह बढ़ गया। इसके (Chhattisgarh Hindi News) बाद लोन लेने वालों और उनके वाहनों का भौतिक सत्यापन करने पहुंचे। बैंक में जमा दस्तावेजों में दिए गए पते पर लोन लेने वाले नहीं मिले।
सभी घर छोड़कर दूसरे राज्यों में चले गए थे। लोन से लिए वाहन भी नहीं मिले। इससे बैंक अधिकारियों को बड़े घोटाले का शक हुआ। लोन देने वाले दोनों अधिकारियों अनिल और दिलीप की भूमिका की जांच की। लोन के लिए जमा किए दस्तावेजों की जांच की गई। इससे खुलासा हुआ कि अनिल और दिलीप ने लोन लेने वाले 15 लोगों से मिलीभगत करके घोटाला किया है। उनके लिए जमानतदार सहित अन्य फर्जी दस्तावेज बनाकर उन्हें वाहन लोन दिलाया गया है। बैंक प्रबंधन की ओर से न्यायलय में परिवाद लगाया गया। न्यायालय ने बैंक के दोनों पूर्व अधिकारियों अनिल और दिलीप और लोन लेने वाले 15 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद सरस्वती नगर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।
इन लोगों के नाम से लोन जारी
पुलिस के मुताबिक अनिल और दिलीप ने सोनू देवांगन, सुधीर गुप्ता, अबान अहमद खान, भागवत प्रसाद यादव, मोहम्मद परवेज (Raipur fraud news) खान, सुमित दुबे, अमित कुमार सिन्हा, नीरज राजपूत, रविकांत साहू, रमेश कुमार साहू, आरिफ रहमान सिद़दीकी, इरफान काजी, अयान काजी, शहाबुद़दीन अहमद काजी, अब्दुल हसीद के नाम से बैंक से लोन जारी किया है।