Kisaan School : केंचुआ पालन इकाई का महिलाओं ने किया अवलोकन, प्रशिक्षण के दौरान कोरबा जिले की महिलाओं को कराया गया किसान स्कूल का भ्रमण, महिलाओं ने की तारीफ

जांजगीर-चाम्पा. केंचुआ पालन के कारोबार से लाखों रूपये की आमदनी लेने वाले बहेराडीह के बिहान समूह की महिलाओं की तकनीक को देखने कोरबा जिले के अमलडीहा गांव की महिलाओं को एसबीआई आरसेटी कोरबा ने देश के पहले किसान स्कूल बहेराडीह का भ्रमण कराया, जहां पर कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल की टीम ने महिलाओं को केंचुआ पालन इकाई के बारे में बताया कि इस कारोबार से लाखों रूपये की आमदनी प्राप्त किया है. किसान स्कूल की कृषि सम्बन्धी गतिविधि देखकर महिलाओं ने तारीफ की.



इस कारोबार को शुरू करने से पहले महिला कृषक व बिहान के गंगे मईय्या स्व सहायता समूह बहेराडीह की सचिव पुष्पा यादव ने जांजगीर आरसेटी से दस दिवसीय सब्जी खेती व नर्सरी प्रबंधन का प्रशिक्षण भी लिया है. वे इस समय प्रदेश के कई जिलों के गौठानों में 262 रूपये किलो की दर से आईसीनिया फोटिडा किस्म की केंचुआ सप्लाई कर गौठान में जैविक खाद बनाने का काम कर रही महिलाओं को किसान स्कूल में प्रशिक्षण भी दे रही हैं. भ्रमण के दौरान कोरबा आरसेटी के फेकेल्टी सुरंजना बिश्वाल ने क़ृषि उद्यमी का प्रशिक्षण ले रही अमलडीहा गांव की 35 महिलाओं को मशरूम इकाई, डेयरी फार्मिंग,वाटर हार्वेस्टिंग इकाई, एंजोला इकाई, बायोगैस सयंत्र, जैविक खाद इकाई, धरोहर संग्रहालय, देशी बीजो की संरक्षण इकाई, नरवा, गरुआ, घुरवा और बाड़ी का मॉडल, छत पर बागवानी, केले के रेशे से निर्मित कपड़ा, राखी बनाने की इकाई आदि का अवलोकन कराया गया.

भ्रमण कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर, किसान स्कूल के संचालक दीनदयाल यादव समेत सक्रिय महिला निर्मला मन्नेवार, क़ृषि सखी ज्योति मन्नेवार, मधु मन्नेवार, थानेस्वरी मन्नेवार, प्रीति, रानी समेत अन्य महिलाएं उपस्थित थीं.

क़ृषि विभाग ने 12 साल पहले दिया था दो किलो केंचुआ
महिला किसान पुष्पा यादव ने बताया कि करीब 12 साल पहले यहां के 20 किसानों को राष्ट्रीय क़ृषि विकास योजना के तहत दो दो किलो केंचुआ और वर्मीटैंक बनाकर दिया गया था, जिसे बढ़ाकर केंचुआ पालन के कारोबार से ही यहां की महिलाएं लाखों रूपये का आमदनी ले रही हैं.

पहले हंसते थे लोग, अब करते हैं सराहना
महिला कृषक व बिहान समूह की सचिव पुष्पा यादव ने बताया कि ज़ब केंचुआ पालन का कारोबार शुरू किया तो लोग हँसने लगे थे कि आज तक कई प्रकार का कारोबार देखा, मगर केंचुआ पालन भी होता है. इस कारोबार से प्रदेश के कई जिलों के गौठानो में केंचुआ सप्लाई करके लाखों रूपये की आमदनी लेते ज़ब लोगों ने देखा तो लोग आश्चर्यचकित हो गए और अब लोग इस कारोबार की सराहना कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि कोई भी कारोबार छोटा या बड़ा नहीं होता. एक हजार रूपये लगाकर काम शुरू करने वाली पुष्पा यादव आज लाखों रूपये का कारोबार इस समय कर रही हैं.

विदेशी लोगों को खूब पसंद आई बहेराडीह की केंचुआ खाद से की जा रही जैविक खेती
6 दिसंबर 2012 में ज़ब यहां पर महिला किसान द्वारा किये जा रहे केंचुआ पालन को अमेरिका के लोगों ने देखा तो उन्हें खूब पसंद आई यहाँ की जैविक क़ृषि. उसके बाद यहाँ पर रेस्टोरेशन फाउंडेशन के सीईओ जे. बस्वराज ने कैनेडा, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया के लोगों का भी भ्रमण कराया. इस अवसर पर ऑस्ट्रेलिया के मिस ना का कहना था कि यहाँ पर केंचुआ पालन, जो हो रहा है. वह ऑस्ट्रेलिया के आईसीनिया फोटिडा किस्म की है. जो मिट्टी और गोबर दोनों में तेज गति से पनपता है.

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