सत्ता के लिए चाचा-बुआ, विरोधियों को उतारा मौत के घाट; क्रूरता के किस्से सुन खड़े हो जाएंगे रोंगटे

वैसे तो क्रूरता और निर्दयता की जब भी बात होती हैं तो लोगों के जहन में सबसे पहला नाम ‘हिटलर’ का आता है जबकि हिटलर ने अकेले ही निर्दयता के पराकाष्ठा को पार नहीं किया था। हिटलर के अलावा भी बहुत ऐसे तानाशाह हुए थे जिन्होंने क्रूरता की सारी हदें पार कर दी थी। दुनिया में ऐसे तमाम शासक और नेता रहे हैं, जो सिर्फ अपनी तानाशाही के लिए जाने जाते हैं।



ऐसे ही कुछ शासक हैं जिन्होंने अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए न सिर्फ हर तरह के नियम-कानून को ताक पर रखा बल्कि दुनिया में मानवता के लिए बड़ा संकट भी पैदा किया। दुनिया में कुछ शासक ऐसे भी हुए, जिन्होंने भयानक फैसले लिए व क्रूरता की हर हद को पार कर दिया।

पिछले 100 वर्षों में ऐसे कई राजनीतिक नेता हुए, जिन्होंने सबसे भयावह जनसंहार, हत्याएं, क्रूर कारनामों को अंजाम दिया जिस कराण उनका नाम इतिहास में दर्ज हो गया। दुनिया में अलग-अलग दौर में कई खूंखार और जालिम तानाशाह हुए हैं, जिनके जुल्मों की कहानी रोंगटे खड़े कर देती है। हम आपको तानाशाहों की इस कहानी शृंखला में एक ऐसे तानाशाह के बारे में बताएंगे, जिन्होंने अपनी तानाशाही से इतिहास में अपनी जगह बनाई। आज के इस लेख में हम उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के बारे में विस्तार से जानेंगे:

कैसा था ‘किम’ का परिवार

किम जोंग उन दुनिया का सबसे खतरनाक तानाशाह में से एक है। किम जोंग उन का जन्म 8 जनवरी 1983 (कुछ स्रोतों के अनुसार 1984) को उत्तर कोरिया के प्योंगयांग में हुआ था। किम जोंग उन की सही जन्मतिथि स्पष्ट नहीं है क्योंकि उत्तर कोरिया ने आधिकारिक रिकॉर्ड जारी नहीं किया है। किम जोंग उन उत्तरी कोरिया के सर्वोच्च नेता के पद पर है। यह किम जोंग इल (1941–2011) का बेटा है और उत्तर कोरिया के संस्थापक किम इल सुंग (1912–1994) का पोता है।

बता दें कि किम जोंग 2011 से उत्तर कोरिया का लीडर है। इसने 28 दिसंबर 2011 को अपने आपको दुनिया के सामने तानाशाह बताया था और उसकी आधिकारिक घोषणा भी की थी। किम जोंग इल के तीन बेटों में सबसे छोटे, किम जोंग-उन ने अपना अधिकांश जीवन लोगों की नजरों से दूर बिताया, और उनके बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। यहां तक कि किम जोंग उन का जन्म किस तारीख को हुआ था, इसपर भी संदेह है।

किम के प्रारंभिक जीवन से जुड़ी जानकारियां केवल उत्तर कोरिया के उन लोगों के द्वारा ही मिली है, जिन लोगों ने उसे विदेशों में देखा है। किम के पढ़ाई को लेकर भी कहा जाता है कि कुछ खास जानकारी उपलब्ध नहीं है कथित तौर पर बताया जाता है कि किम जोंग उन स्विट्जरलैंड के गमलिगेन में इंटरनेशनल स्कूल ऑफ बर्न में शिक्षा प्राप्त करने के बाद, किम ने 2002 से 2007 तक प्योंगयांग में किम इल-सुंग नेशनल वॉर कॉलेज में अध्ययन किया।

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कई बीमारियों से पीड़ित है ‘किम’माना जाता है कि किम जोंग-उन और उनकी पत्नी री सोल-जू के तीन बच्चे हैं। बताया जाता है कि सबसे बड़े बच्चे का एक बेटा हो सकता है और ऐसा कहा जाता है कि दूसरे नंबर का बच्चा एक बेटी है, जिसका नाम किम जू-ए है। तीसरे बच्चे का लिंग अज्ञात है। किम को लेकर कहा जाता है कि वह कई बीमारियों से पीड़ित है और यही कारण है कि वह दुनिया के सामने कम दिखता है क्योंकि वह अपने आपको अपनी प्रजा के सामने कमजोर नहीं दिखाना चाहता।

किम जोंग जिन बीमारियों से पीड़ित है, उनमें से कुछ मोटापे और धूम्रपान से उत्पन्न होती हैं, जिनमें उच्च रक्तचाप, मधुमेह और गठिया शामिल हैं। उनके पिता और दादा दोनों की संदिग्ध दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हुई थी।किम ने कराई अपने चाचा की हत्या

तानाशाह किम जोंग उन जब अपने पिता की मौत के बाद 2011 में सत्ता सभाली थी और जब से वे सत्ता में आए हैं तब से सत्ता में प्रभावशाली बनकर उभर रहे नेताओं और अधिकारियों की हत्या करा चुके हैं। अब तक जिन 70 लोगों की हत्या हो चुकी है उनमें किम जोंग के कई सगे सम्बंधी भी हैं।

किम जोंग उन पर अपने चाचा को भी मौत के घाट उतारने का इल्जाम है। किम जोंग उन ने अपने चाचा की सिर्फ हत्या नहीं कराई थी बल्कि हत्या कराने से पहले उन्हें अपनी वर्कर्स पार्टी से भी बाहर निकाल दिया था। किम जोंग उन के चाचा पर भ्रष्टाचार करने और पार्टी के अंदर गुटबाजी करने का आरोप था।

कई मीडिया रेपोर्ट्स में बताया गया है कि एक बार किम ने अपने फूफा को बहुत दर्दनाक मौत दी। फूफा को किम ने कुत्तों के सामने छोड़ दिया 100 से ज्यादा कुत्तों ने किम के फूफा को नोच-नोच के मार डाला। यह सब वह खुद देखते रहे।

उत्तर कोरिया में इस तरह की सजा आम है, जिसे स्थानीय भाषा में “quan jue” कहते हैं यानी कुत्तों के जरिए मौत की सजा देना। ऐसे कई दर्दनाक मौत देने के लिए किम को जाना जाता है जिसने अपने सगे-संबंधियों के साथ-साथ अपने हर विरोधी को दी खौफनाक मौत की सजा।

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किम जोंग-उन के बारे में जानिए प्रमुख बातें

किम जोंग उन उत्तर कोरिया के तीसरे राष्ट्र प्रमुख हैं। किम जोंग-उन अपने पिता किम जोंग-इल के बाद 2011 में उत्तर कोरिया के नेता बने। वह किम जोंग-इल और उनकी पत्नी को योंग-हुई की दूसरी संतान थे। उत्तर कोरिया के संस्थापक किम इल-सुंग उनके दादा थे।

कहा जाता हैं कि किम जोंग उन की शुरुआती पढ़ाई उत्तर कोरिया से नहीं बल्कि स्विट्जरलैंड के इंटरनेशनल स्कूल ऑफ बर्न से अंग्रेजी माध्यम से हुई है। उस स्कूल में किम ‘चोल-पक’ या ‘पक-चोल’ नाम से 1993 से लेकर 1998 तक थे। इसके बाद उन्होंने 1998 से 2000 के बीच बर्न में ही जर्मन लैंग्वेज स्कूल में भी पढ़ाई की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वो बहुत शर्मीले स्वभाव के थे।

साल 2001 में किम जोंग स्विट्जरलैंड से वापस अपने देश उत्तर कोरिया आ गए थे और उसके बाद राजधानी प्योंगयांग में मिलिट्री यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिलिट्री यूनिवर्सिटी में वह 2002 से 2007 तक थे, लेकिन उनकी पढ़ाई हमेशा घर पर ही होती थी।

किम जोंग-उन की शादी री सोल-जू से हुई है। उन्होंने 2009 में शादी की, हालांकि उत्तर कोरियाई राज्य मीडिया ने 2012 में ही इसकी सूचना दी। आरोप है कि उनका पहला बच्चा 2010 में हुआ था।

जब उन्होंने उत्तर कोरिया का सर्वोच्च नेतृत्व ग्रहण किया था, तो उन्होंने कई वरिष्ठ अधिकारियों को हटा दिया जो उन्हें अपने पिता के शासन से विरासत में मिले थे। उनमें उनके अपने अंकल, जैंग सॉन्ग-थेक (Jang Song-thaek) या चांग सॉन्ग-टैक (Chang Song-t’aek) भी थे। ऐसा माना जाता है कि किम जोंग- II के शासन के दौरान उनके अंकल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उन्हें शीर्ष सलाहकारों में से एक माना जाता था।

किम जोंग-उन के शासन में, उत्तर कोरिया ने अपने हथियार-परीक्षण कार्यक्रमों को जारी रखा। अप्रैल 2012 में, एक उपग्रह लॉन्च किया गया था जो टेकऑफ़ के तुरंत बाद विफल हो गया था। उसी वर्ष दिसंबर में, सरकार ने एक लंबी दूरी का रॉकेट लॉन्च किया, जिसने उपग्रह को कक्षा में रखा। फरवरी 2013 में उत्तर कोरिया ने अपना तीसरा सफल भूमिगत परमाणु परीक्षण किया।

उत्तर कोरिया ने तानाशाह किम जोंग उन के शासनकाल में कई परमाणु परीक्षण किए हैं। क्रूर तानाशाह किम को जो अच्छा लगता है वो करता है। चाहे वो पूरी इंसानियत के खिलाफ ही क्यों न हो और इसीलिए उसे दुनिया तानाशाह कहती है। एक तरफ जहां दुनिया को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है ताकि इंसान एक सुरक्षित और आदर्श परिस्थिति में रह सके, वहीं कई ऐसी जगहें भी हैं जहां लोगों को बुनियादी मानवाधिकार भी हासिल नहीं हैं। निश्चित ही नागरिकों पर तमाम प्रतिबंध और क्रूरता की चर्चा होने पर नॉर्थ कोरिया का नाम सबसे पहले आता है। अजीबो-गरीब कानून के लिए भी उत्तर कोरिया जाना जाता है:

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देश में आम नागरिकों के लिए किसी तरह की इंटरनेट सेवा नहीं है। सिर्फ वीआईपी लोगों को ही इंटरनेट सर्फ करने का विशेषाधिकार प्राप्त है। देश का अपना ऑपरेशनल सिस्टम है जिसका नाम रेड स्टार है।

नॉर्थ कोरियन नागरिक पूरी तरह से दुनिया से कटे हुए हैं। न्यूजपेपर्स, मैगजीन और न्यूज चैनल्स बाहरी दुनिया की किसी भी चीज को कवर नहीं करते। वह सिर्फ नॉर्थ कोरिया को ही महिमामंडित करने का काम करते हैं।

नॉर्थ कोरिया के पुरुष नागरिकों को जबरन किम जोंग-उन की तरह हेयरस्टाइल रखना होता है। देश में महिलाओं और पुरुषों के लिए 28 हेयरस्टाइल अप्रूव किए गए हैं और उनमें से ही एक रखा जा सकता है।

नॉर्थ कोरिया अपने नागरिकों पर तीन जनरेशन की सजा का कानून भी लागू करता है। इसके मुताबिक अगर कोई व्यक्ति जुर्म करता है तो उसकी अगली दो पीढ़ियां भी उसका परिणाम झेलेंगी। कई बार इसका असर यह होता है कि तीन पीढ़िया अपनी जिंदगी जेल में ही काटती हैं।

कोरोना काल में उत्तर कोरिया भीषण खाद्य संकट से जूझ रहा था। इसी बीच उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने देश के लोगों को अजीब फरमान सुनाया था। किम जोंग ने अपने देश के लोगों को अपने कुत्तों को मीट रेस्त्रा को सौंपने का आदेश दिया था। दरअसल, किम जोंग ने खाद्य सामग्री की पूर्ति करने के लिए कुत्तों को काटकर खाने का आदेश दिया था।

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