MP Election 2023: एक साल 97 दिन में ही क्यों गिर गई कमलनाथ सरकार? जिसके बाद ‘मामा’ ने चौथी बार ली CM पद की शपथ

भोपाल: मध्य प्रदेश में चुनावी बिगुल बज चुका है। राज्य में 17 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। यहां मौजूदा समय में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) मुख्यमंत्री हैं। हालांकि, पिछली बार 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को ज्यादा सीटें मिल थीं। कमलनाथ (Kamal Nath) मुख्यमंत्री भी बने, लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि ‘मामा’ जी फिर से सीएम बन गए।



2018 में कांग्रेस को मिली थी सबसे ज्यादा सीटें
कांग्रेस ने 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा से ज्यादा सीटें हासिल की थी। हालांकि, बहुमत के आंकड़े से वह पीछे रह गई। इसके बाद उसने अन्य दलों से समर्थन लेकर सरकार बनाई, लेकिन यह सरकार महज 2020 तक ही चल पाई। आखिर ऐसा क्या हुआ कि शिवराज सिंह चौहान दोबारा मुख्यमंत्री बन गए और कमलनाथ को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी, आइए जानते हैं…

इसे भी पढ़े -  Sakti News : गोवर्धन पूजा पर मालखरौदा जनपद पंचायत अध्यक्ष कवि वर्मा ने कलमी गांव में गौ माता की पूजा-अर्चना, गौ माता को कराया भोजन

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 के नतीजे क्या रहे?
मध्य प्रदेश में जब 2018 में विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए गए तो कांग्रेस ने 114 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं, भाजपा को 109 सीटें मिलीं। मतदान 23 नवंबर को हुआ था। नतीजे 11 दिसंबर को घोषित किए गए थे। इस चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार का गठन किया।

2020 में क्या हुआ था?
शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च 2020 को चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इससे पहले, वे 2005 से 2018 तक सीएम रह चुके थे। ‘मामा’ को सीएम बनाने में राहुल गांधी के करीबी कहे जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अहम भूमिका निभाई।

इसे भी पढ़े -  Sakti News : बड़ेसीपत गांव में रजत जयंती के अवसर पर किसान सम्मेलन कार्यक्रम आयोजित, मालखरौदा जनपद अध्यक्ष कवि वर्मा, उपाध्यक्ष रितेश साहू हुए शामिल, शासन की योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा को सरकार बनाने में कैसे मदद की?
ज्योतिरादित्य सिंधिया इस समय केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य हैं। वे राहुल गांधी के करीबी कहे जाते थे, लेकिन अचानक उन्होंने कांग्रेस को जोर का झटका दिया। वे कांग्रेस के 22 विधायकों के साथ बागी हो गए। इनमें से छह मंत्री थे। सभी ने इस्तीफा दे दिया। लिहाजा, कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ गई और कमलनाथ को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा। यह सरकार महज एक साल 97 दिन ही चल पाई। कमलनाथ 17 दिसंबर 2018 से 23 मार्च 2020 तक सीएम रहे।

मौजूद समय में किस दल के पास कितनी सीटें हैं?
मध्य प्रदेश में विधानसभा की 230 सीटें हैं। 2020 के बाद अब इनमें से भाजपा के पास 127, जबकि कांग्रेस के पास 96 सीटें हैं। सात सीटें अन्य के पास है। सरकार बनाने के लिए 116 सीटों की जरूरत होती है।

इसे भी पढ़े -  Sakti News : बड़ेसीपत गांव में रजत जयंती के अवसर पर किसान सम्मेलन कार्यक्रम आयोजित, मालखरौदा जनपद अध्यक्ष कवि वर्मा, उपाध्यक्ष रितेश साहू हुए शामिल, शासन की योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील

error: Content is protected !!