रेलवे क्‍यों लाया नारंगी वंदे भारत एक्‍सप्रेस? केसरिया रंग चुनने के पीछे की क्या थी बड़ी वजह, अब हुआ इसका खुलासा

नई दिल्‍ली. भारत में इस समय 34 वंदे भारत एक्‍सप्रेस (Vande Bharat Express) ट्रेनें दौड़ रही हैं. पहले देश में चलने वाली वंदे भारत एक्‍सप्रेस का रंग नीला और सफेद था. अब नए और एडवांस फीचर्स के साथ ट्रेन के रंग में भी बदलाव किया गया है. अब यह सेमी हाई स्‍पीड ट्रेन नारंगी और सफेद (Orange Vande Bharat) रंग में भी लॉन्‍च की गई है. केसरिया रंग की वंदे भारत के पटरी पर आते ही एक विवाद भी खड़ा हो गया है. कुछ लोग नारंगी रंग को राजनीति से जोड़ रहे हैं. वहीं, वंदे भारत ट्रेन के नारंगी रंग के पीछे राजनीति की बात को रेल मंत्री अश्विनी वैष्‍णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) कई बार नकार चुके हैं.



 

 

 

अभी हाल ही में पत्रकारों से बात करते हुए अश्विनी वैष्‍णव ने कहा कि नारंगी रंग का चुनाव करने के पीछे ‘शुद्ध विज्ञान’ है. नारंगी रंग चुनने के पीछे की वजह पॉलिटिकल नहीं बल्कि साइंटिफिक है. उन्‍होंने कहा कि विज्ञान के अनुसार, मनुष्य की आंख दो रंगों को सबसे ज्यादा और अच्छी तरह से देख सकती है. ये रंग पीला और नारंगी. इसी वजह से यूरोप में चलने वाली लगभग 80 प्रतिशत ट्रेनों का रंग या तो नारंगी या फिर पीला और नारंगी मिक्स हैं.

 

 

 

इन 2 रंगों के अलावा सिल्‍वर जैसे कुछ और भी रंग हैं, जो पीले और नारंगी जैसे ही चमकीले होते हैं, लेकिन ये हमारी आंखों को उतना नहीं सुहाते जितना नारंगी या पीला रंग सुहाते हैं. रेलमंत्री ने कहा कि सरकार ने नारंगी रंग की इन्‍हीं खूबियों के चलते ही नारंगी रंग का चुनाव नई वंदे भारत एक्‍सप्रेस ट्रेनों के लिए किया है.

 

 

 

यहां भी होता है नारंगी रंग का इस्‍तेमाल

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पीले और नारंगी रंग अच्छी तरह दिखने की वजह से ही विमानों और जहाजों में ब्लैक बॉक्स नारंगी रंग के होते हैं. इतना ही नहीं, नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF) की रेस्क्यू बोट और लाइफ जैकेट भी नारंगी रंग के ही होते हैं.

 

 

 

कासरगोड-तिरुवनंतपुरम रूट पर चली पहले नारंगी वंदे भारत

भारत की पहली नारंगी वंदे भारत ट्रेन 24 सितंबर को केरल के कासरगोड और तिरुवनंतपुरम के बीच शुरू हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. कासरगोड-तिरुवनंतपुरम 31वीं वंदे भारत ट्रेन थी, जिसे 19 अगस्त को तमिलनाडु के पेरंबूर स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में ट्रायल रन के लिए ट्रैक पर उतारा गया था. देश की पहली वंदे भारत एक्‍सप्रेस ट्रेन 15 फरवरी, 2019 को चली. वाराणसी-नई दिल्‍ली वंदे भारत एक्‍सप्रेस को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई थी.

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