जांजगीर-चाम्पा. पंतोरा गांव में राधा के गांव बरसाना की तरह ‘लट्ठमार होली’ मनाने की परंपरा है. यहां कुंवारी कन्याएं, बांस की छड़ी बरसाती है और लोग भी छड़ी खाने पहुंचते हैं. पंतोरा गांव में लट्ठमार होली मनाने की परंपरा दशकों पुरानी है, जिसे आज भी निभाई जा रही है. भवानी मंदिर में पूजा के बाद कुंवारी कन्या, पहले मंदिर के देवी-देवताओं पर छड़ी बरसाती है, फिर गांव में घूमती है और सभी लोग छड़ी खाने पहुंचते हैं. यहां तक सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी भी खुद से छड़ी खाते हैं. मान्यता है कि पंतोरा गांव में दशकों पहले महामारी फैल गई थी, जिसके बाद मां भवानी की पूजा की गई और इसके बाद बांस की छड़ी बरसाने की परंपरा की शुरुआत हुई, जो कई दशकों से चली आ रही है.