मीठा खाने का है मन तो झटपट बना लें मोती दाने जैसी बूंदी मिठाई, इस ट्रिक्स के साथ बनाएंगे तो मुंह में जाते ही घुल जाएगी; जानें विधि

अगर आपको भी कुछ मीठा खाने का मन कर रहा है तो आप बाहर से कुछ मँगाने की बजाय बूंदी की मिठाई को घर पर बना सकते हैं। अगर आपको लगता है कि आप इस मिठाई को घर पर सही ढंग से नहीं बना पाएंगे, तो आपको डरने की ज़रूरत नहीं है। हम इसे सही ढंग से बनाने में आपकी मदद करेंगे। चलिए जानते हैं घर पर आसान तरीके से बूंदी कैसे बनायें?



 

 

 

बूंदी मिठाई बनाने की सामग्री: (Ingredients for making Boondi Mithai:)
1 कप बेसन, 1 कप पानी, इलायची पाउडर, केसर पाउडर, चुटकी भर बेकिंग सोडाकैसे बनाएं बूंदी की मिठाई (How to make boondi ki mithai)

 

 

पहला स्टेप:

मीठी और रसीली बूंदी बनाने के लिए सबसे पहले एक बड़ा बर्तन लें और उसमें एक कप बेसन और 1 चम्मच तेल डालें। उसके बाद बर्तन में थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर बेसन को एक ही डायरेक्शन में अच्छी तरह से मिलाएं। ध्यान रखें कंसिस्टेंसी बहुत ज़्यादा गाढ़ी और बहुत ज़्यादा पतली भी नन्हीं होनी चाहिए। पानी डालने के बाद बेसन को कम से कम15 मिनट तक व्हिस्क करें। अब इसके बाद इसमें बेकिंग सोडा और चुटकी भर नमक डालकर अच्छी तरहसे मिक्स कर लें

 

 

दूसर स्टेप:

अगले स्टेप में हम इसकी चाशनी तैयार करेंगे। अब इस पैन में 2 कप पानी डालें और उबाल आने के बाद उसमें 2 कप चीनी, क्रश की हुई इलायची और केसर डालकर मिक्स करें। चाशनी बनने एक लिए पानी को पकने दें। जब चीनी पूरी तरह से घुल जाए तो गैस की आंच धीमी कर दें। आपको बता दें बूंदी की चाशनी वासी ही होनी चाहिए जैसी गुलाब जामुन की होती है। जब चाशनी थोड़ी गाढ़ी हो जाए तो अपनी उंगली से इसे चखें। अगर एक तार दिखे, तो समझिए आपकी चाशनी तैयार है।

 

 

 

तीसरा स्टेप:

अब बूंदी बनाने के लिए एक कड़ाही में तेल गर्म करने के लिए रख दें। अगर आपके पास बूंदी बनाने वाला किचन अप्लायंस नहीं है, तो आप वेजिटेबल ग्रेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं। जब तेल गर्म हो जाए तो उसके ऊपर ग्रेटर को रखें और करछुल की मदद से बेसन के घोल को ग्रेटर के ऊपर डालकर धीरे धीरे हिलाएं। इस तरह धीरे धीरे ये तेल में गिरेंगे। ऐसे ही सारे घोल से बूंदी बनायें और उन्हें अच्छी तरह से तल लें। जब बूंदी सुनहरी हो जाए, तो उन्हें गुनगुनी चाशनी में डालकर 20 मिनट के लिए छोड़ दें। आपकी रसीली और मीठी बूंदी तैयार है। इसे प्रसाद के रूप में रखकर चढ़ाएं.

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