पुरातत्वविदों ने ‘दुनिया के सबसे पुराने’ पिरामिड की खोज की है, जो पश्चिमी जावा के इंडोनेशियाई द्वीप पर एक लावा पहाड़ी के अंदर 98 फीट गहराई में बना है। यह किसी भूमिगत बहुमंजिला इमारत जितना गहरा निकला।
इसका नाम गुनुंग पदांग पिरामिड है। इसकी कार्बन-डेटिंग से पता चलता है कि यह 16,000 वर्ष से अधिक पुराना है।
कब हुई थी इस पिरामिड की खोज?: रिपोर्ट के मुताबिक, गुनुंग पदांग पिरामिड की खोज सबसे पहले 1890 में डच खोजकर्ताओं ने की थी। इस प्राचीन स्थल की हाल ही में की गई रेडियोकार्बन डेटिंग जांच से चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। इससे पता चलता है कि यह कम से कम अपने आकार की सबसे पुरानी मानव निर्मित संरचना भी हो सकती है।
परीक्षणों से पिरामिडों के सबसे पुराने निर्माण का भी पता चला है, जिसमें एंडेसाइट लावा से बनी सीढ़ियाँ हैं, जो 16,000 साल पहले अंतिम हिमयुग के दौरान बनाई गई थीं। इसका मतलब यह है कि गुनुंग पदांग पिरामिड मिस्र में गीज़ा के सभी महान स्मारकों और पिरामिडों से 10,000 साल पुराना है, लेकिन इंग्लैंड में स्टोनहेंज से भी 10,000 साल पुराना है।धकर्ताओं ने पता लगाया कि इंडोनेशियाई पिरामिडों की पहली और सबसे गहरी परतें साइट से ठंडे लावा प्रवाह द्वारा बनाई गई थीं। गुनुंग पदांग पिरामिड तुर्की में खोजे गए गोबेकली टेपे ‘मेगालिथ’ से हजारों साल पुराना हो सकता है, जो ‘दुनिया के सबसे पुराने’ पुरातात्विक स्थल की दौड़ में आखिरी स्थान पर है।