CG News: महज इस बात के लिए सरपंच को किया बर्खास्त, सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को लगाई फटकार, एक लाख रुपए जुर्माना भरने का दिया आदेश

जशपुर. छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले की महिला सरपंच को आखिरकार सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिल ही गया। सुप्रीम कोर्ट ने 2023 की तत्कालीन छत्तीसगढ़ सरकार के फैसले की निंदा करते हुए कहा कि साजबहार गांव की निर्वाचित आदिवासी महिला सरपंच सोनम लकड़ा को सरपंच पद से हटाना पूरी तरह से मनमानी है। कोर्ट ने सरकार के फैसले को आदिवासी महिला सरपंच के साथ उत्पीड़न के करने जैसा कार्य बताया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार पर एक लाख का जुर्माना लगाया हैंदरअसल, जशपुर जिले के साजबहार की आदिवासी महिला सरपंच सोनम लकड़ा को रीपा के कार्य को समय-सीमा में नहीं कराने के कारण अनुविभागीय अधिकारी फरसाबहार ने 18 जनवरी 2023 को पद से हटाने का आदेश दिया था।



इसे भी पढ़े -  Sakti News : 'स्वदेशी अपनाओ, विदेशी भगाओ अभियान' में गूंजा संकल्प, सक्ती में चेंबर ऑफ कॉमर्स ने दिलाई शपथ

सरपंच ने हाईकोर्ट बिलासपुर में अधिवक्ता के माध्यम से चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने कलेक्टर के समक्ष अपील का प्रावधान होने के कारण अपील कोर्ट जाने का निर्देश देते हुए याचिका खारिज कर दी थी। उसके बाद उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने राज्य सरकार को आड़े हाथ लिया।

उनके खिलाफ कार्रवाई को रद्द करते हुए कोर्ट ने कहा कि निर्माण कार्य के लिए इंजीनियरों, ठेकेदारों, समय पर श्रम की आपूर्ति की आवश्यकता होती है और देरी के लिए सरपंच को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट पूछा कि जब तक काम के आवंटन में देरी या निर्वाचित निकाय के विशिष्ट कर्तव्य में देरी नहीं होती है, तब सरपंच को देरी के लिए कैसे जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। अदालत ने कहा कि अधिकारियों ने उन्हें झूठे बहाने से हटाया था।

इसे भी पढ़े -  Sakti Arrest : जैजैपुर पुलिस ने जुआ खेलते 5 जुआरियों को किया गिरफ्तार, 37 सौ रुपये जुआरियों से जब्त

इस मामले में साजबहार की सरपंच सोनम लकड़ा ने बताया कि रिपा के काम में लेट होने की वजह से फरसाबहार एसडीएम द्वारा उन्हें निलंबन की कार्रवाई करते हुए हटा दिया गया था इसके बाद हाई कोर्ट के समक्ष वकील के माध्यम से याचिका प्रस्तुत की थी एवं हाईकोर्ट ने भी मामले में सुनवाई नहीं करते हुए याचिका खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट के वकील मैं मुझे मामले की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए सलाह दी एवं सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुझे न्याय मिला।

इसे भी पढ़े -  JanjgirChampa Big News : आयुर्वेद विभाग में औषधालय सेवक के 10 पदों पर हो रही भर्ती, वरीयता सूची में 10 अभ्यर्थी के 100 फीसदी अंक, उठे सवाल, अफसर और विधायक ने कहा...

error: Content is protected !!