जांजगीर-चाम्पा. धान का कटोरा कहलाने वाले छत्तीसगढ़ राज्य के सभी जिलों में जल, जंगल और जमीन को लेकर शोध कार्य कर रहे छः राज्यों से पहुंचे निर्माण यात्रा दल के 16 युवा, देश के पहले किसान स्कूल वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल बहेराडीह पहुंचे, जहां कृषि क्षेत्र में किए जा रहे अनेक नवाचारों का बारीकी से अवलोकन किया.
वरिष्ठ पत्रकार कुंजबिहारी साहू किसान स्कूल के संचालक दीनदयाल यादव ने निर्माण यात्रा में शामिल तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़ के 16 सदस्यीय दल को बताया कि भारत के किसानों द्वारा किसानों के लिए बनाए गए किसान स्कूल का मुख्य उद्देश्य जल, जंगल और जमीन को बचाना है. इस दौरान वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, दीनबंधु मॉडल की बायोगैस सयंत्र, नाडेप इकाई, वर्मीवाश इकाई, अक्षय चक्र कृषि मॉडल, डेयरी, देशी बीजों का संरक्षण और संवर्धन केंद्र, केचुआ पालन इकाई, का अवलोकन किया. इसी तरह छत्तीसगढ़ की 36 भाजियों, बीजों, उत्पादन तकनीक और कृषि अवशेष से बनाई गई रंग बिरंगी राखी, कपड़ा का अवलोकन किया.
इस दौरान केंद्रीय रेशम बोर्ड, तसर अनुसंधान, वस्त्र मंत्रायल भारत सरकार के सलाहकार रामाधार देवांगन ने कोसा उत्पादन को लेकर विस्तारपूर्वक जानकारी दी. इस अवसर पर समाजसेवी डॉ सुरेश कुमार देवांगन, राजाराम देवांगन, पुष्पा यादव, प्रमुख रूप से उपस्थित थे.
पहली बार देखा ऐसा संग्रहालय
निर्माण यात्रा में शामिल राजस्थान के बीकानेर के कृष्णा शक्ति ने बताया कि उन्होंने विलुप्त चीजों को इतने अच्छे तरीके से संग्रहालय में सहेजकर धरोहर में रखे गए स्वरूप को पहली बार देखा है. उन्होंने बताया कि इस तरह का संग्रहालय होना बड़ी बात है, जहां छग की विलुप्त चीजों को सहेजकर रखी गई है.
निर्माण यात्रा में छः राज्य के ये युवा हैं शामिल
निर्माण यात्रा दल में तमिलनाडु, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़ राज्यों से ज्योति मरकाम, विक्की सोनवानी, नाजनी रिजवी, रिशबा, विजय समराज, योगिता, सरनदीप, भाग्येश दुबे, टुपेश कुमार, विपुल, अनुराग कुमार वर्मा,अल्लतमश, रचना साहू, प्रहलाद पटेल समेत अन्य युवा शामिल हैं.