वॉट्सऐप ने ऐसे स्मार्टफोन की लिस्ट जारी की है, जिनमें एक जनवरी 2025 से वॉट्सऐप नहीं चलाया जा सकेगा। किटकिट ओएस और उससे पुराने वर्जन पर चल रहे डिवाइस में वॉट्सऐप काम करना बंद कर देगा। सिक्योरिटी, फंक्शनैलिटी और नए फीचर्स देने के मकसद से कंपनी ने यह फैसला लिया है। पुराने वर्जन को कंपनी के नए फीचर्स सपोर्ट नहीं करते हैं।
तमाम यूजर्स होंगे प्रभावित
साल 2013 में लॉन्च हुए किटकैट वर्जन पर चलने वाले स्मार्टफोन में वॉट्सऐप का सपोर्ट नहीं मिलेगा। इसका और इससे पुराने वर्जन वाले स्मार्टफोन बहुत कम ही देखने को मिलते हैं। यही वजह है कि कंपनी इनके लिए वॉट्सऐप सपोर्ट बंद कर रही है।
पुराने ओएस पर चलने वाले स्मार्टफोन कंपनी के नए फीचर्स के साथ कंपेटिबल नहीं हो पाते हैं। जिसकी वजह से यूजर्स को वॉट्सऐप पर कुछ नया नहीं मिलता है। कंपनी ने कहा कि पुराने प्लेटफॉर्म में फीचर्स को सपोर्ट करने के लिए जरूरी सपोर्ट नहीं होता है। इससे कई बार सिक्योरिटी रिस्क भी पैदा हो जाता है।
इन स्मार्टफोन में नहीं चलेगा वॉट्सऐप
कंपनी के इस फैसले से बहुत से यूजर प्रभावित होने वाले हैं। कंपनी सैमसंग, एलजी और सोनी समेत कई कंपनियों के स्मार्टफोन्स के लिए वॉट्सऐप सपोर्ट बंद करने जा रही है।
सैमसंग के Galaxy S3, Galaxy Note 2, Galaxy Ace 3, Galaxy S4 Mini में वॉट्सऐप सपोर्ट बंद हो जाएगा।
Motorola के Moto G (1st Gen), Razr HD और Moto E 2014 यूजर्स को परेशानी होगी।
HTC: One X, One X+, Desire 500, Desire 601
LG: Optimus G, Nexus 4, G2 Mini, L90
Sony: Xperia Z, Xperia SP, Xperia T, Xperia V
ऐसा पहली बार नहीं है, जब कंपनी ने पुराने स्मार्टफोन वर्जन के लिए वॉट्सऐप सपोर्ट को बंद करने का एलान किया है। कंपनी अपनी सिक्योरिटी और सेफ्टी स्टैंडर्ड के लिए एंड्रॉइड/iOS के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया तय करती है। अगर इसमें कोई डिवाइस फिट नहीं हो पाता है, तो उसके लिए वॉट्सऐप सपोर्ट बंद कर दिया जाता है।
iPhones यूजर्स भी होंगे प्रभावित
कंपनी के इस फैसले से iPhone यूजर्स भी प्रभावित होंगे। कंपनी पहले ही बता चुकी है कि 5 मई 2025 से 15.1 वर्जन से पुराने वाले यूजर्स वॉट्सऐप को एक्सेस नहीं कर पाएंगे। जिन आईफोन में आने वाले दिनों में वॉट्सऐप काम करना बंद कर देगा। उनकी लिस्ट नीचे दी गई है।
iPhone 6 Plus
ध्यान देने वाली बात है कि वॉट्सऐप ऐप और वॉट्सऐप बिजनेस उन सभी डिवाइस में काम करना बंद कर देगा, जो कंपनी की सिक्योरिटी और सेफ्टी पॉलिसी से मैच नहीं खाते हैं। ऐसा करने के पीछे कंपनी का मकसद परफॉर्मेंस को बेहतर और सिक्योरिटी को मजबूत करना है।